राजधानी दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति सम्मेलन के आठवें संस्करण का समापन आज केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के संबोधन के साथ हुआ. कारगिल विजय दिवस के अवसर पर गृह मंत्री ने राष्ट्र के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले वीर जवानों को श्रद्धांजलि दी और ऑपरेशन सिंदूर के तहत सुरक्षाबलों और बीएसएफ की भूमिका की सराहना की. अमित शाह ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति को दृढ़ता से दुनिया के सामने प्रस्तुत किया है. उन्होंने कहा कि मोदी जी की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और आम नागरिकों के सहयोग से वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख पहले से कहीं अधिक स्पष्ट और सशक्त हुआ है.
भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था
सम्मेलन में गृह मंत्री ने राष्ट्रीय सुरक्षा चुनौतियों, उभरती तकनीकों और आंतरिक खतरे जैसे मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि भारत आज दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और स्टार्ट-अप, नवाचार और हरित ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में अग्रणी भूमिका निभा रहा है. ऐसे में सुरक्षा की जटिलताएँ भी बढ़ रही हैं, जिनसे निपटने के लिए राज्य और केंद्र की एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय की आवश्यकता है. अमित शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले 5 से 10 साल भारत की सुरक्षा और विकास के लिए बेहद अहम होंगे. उन्होंने कहा कि देश की भौगोलिक और राजनीतिक स्थिति को देखते हुए आंतरिक सुरक्षा चुनौतियाँ गतिशील रहेंगी, और इसके लिए राज्यों को सजग रहना होगा.
नशा मुक्त भारत के लिए अगले तीन वर्षों का लक्ष्य
गृह मंत्री ने राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय एजेंसियों को निर्देश दिया कि वे 'सुरक्षा, सजगता और समन्वय' के मंत्र पर काम करें. उन्होंने NATGRID, NIDAAN, iMoT और CBI द्वारा तैयार किए गए भगोड़ा डेटाबेस के उपयोग को प्रशिक्षण कार्यक्रमों का हिस्सा बनाने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को चाहिए कि वे नशा मुक्त भारत के लिए अगले तीन वर्षों का लक्ष्य लेकर चलें और नारकोटिक्स नेटवर्क पर 'top-to-bottom' और 'bottom-to-top' दोनों रणनीतियों से प्रहार करें. साथ ही, Repeat Offenders के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भी निर्देश दिया.
पुलिस की क्षमताओं को मजबूत करने की आवश्यकता
अमित शाह ने पुलिस थानों को सूचना तंत्र की रीढ़ बताते हुए कहा कि realtime सूचना साझाकरण के लिए एक भरोसेमंद प्लेटफॉर्म तैयार किया जाए. उन्होंने पुलिस बलों को नागरिकों के जीवन, संपत्ति और सम्मान की रक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का आह्वान किया. वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों पर बात करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि 300 से अधिक विकास योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू करने में पुलिस और राज्य प्रशासन को समन्वय के साथ काम करना चाहिए. साथ ही, उन्होंने तटीय सुरक्षा, घुसपैठ और तस्करी से निपटने के लिए भी राज्य पुलिस की क्षमताओं को मजबूत करने की आवश्यकता जताई.