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amit shah in rajyasabha (social media)
गृह मंत्री अमित शाह ने देश की सुरक्षा को लेकर राज्यसभा में अहम बयान दिया. उन्होंने कहा,'बीते 10 साल में सुरक्षा और मजबूत हुई है. उन्होंने कहा कि समय के हिसाब से बदलाव काफी जरूरी हैं. हम हर चुनौती से निपट रहे हैं. इस दौरान शाह ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र किया.' उन्होंने कहा 'अब कई अपराध सीमा से बाहर हो रहे हैं. बीते चार दशकों से देश में चार नासूर थे. इसमें जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पहला नासूर था. वहीं दूसरा नक्सलवाद और उत्तर पूर्व उग्रवाद तीसरा नासूर था. हमने पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की. जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को खत्म कर दिया. पहले की सरकार आतंकी हमलों को भूल जाती थी.'
वोट बैंक के कारण अनुच्छेद 370 को नहीं हटाया
गृह मंत्री अमित शाह के कहा, 'मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति है. हमने आतंकवाद को लेकर करारा जवाब दिया. हमने एक देश के दो विधान को खत्म कर डाला. पहले ही सरकार ने वोट बैंक के कारण अनुच्छेद 370 को नहीं हटाया. अब लाल चौक पर तिरंगा फहराया जा रहा है. इससे पहले आतंवादियों के जुलूस निकाले जाते थे. अब आतंकी जहां पर मरते हैं, वहीं दफन कर दिए जाते हैं.'
#WATCH | Replying to the discussion on the working of MHA, in Rajya Sabha, HM Amit Shah says, "...When Narendra Modi Government was elected to power in 2014, we received several legacy issues from prior to 2014. The security and development of this country were always challenged… pic.twitter.com/Spfp4kTqSJ
— ANI (@ANI) March 21, 2025
नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी जंग लड़ रहे: शाह
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'साल 2025 में कश्मीर में एक भी हड़ताल नहीं हुई. सरकार आतंकवाद को सह नहीं सकती है. अब कश्मीर में जनप्रतिनिधि चुनकर आते हैं. यहां पर अब निवेश का माहौल बना हुआ है. इस पर जम्मू-कश्मीर में चुनाव के वक्त एक भी गोली नहीं चली. हमने कश्मीर में बंद पड़े पड़े सिनेमाघरों को खोला.' गृह मंत्री अमित शाह के कहा, 'हमारा मकसद नक्सलवाद को खत्म करना है. उन्होंने कहा, टेक्नोलॉजी से नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी जंग लड़ रहे हैं. 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म किया जाएगा.'
कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं : शाह
राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा,' एक तरह से गृह मंत्रालय बहुत कठिन परिस्थितियों में कामकाज कर रहा है. संविधान ने कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों को सौंपी है. सीमा सुरक्षा और आंतरिक सुरक्षा गृह मंत्रालय के तहत आती है. इस दौरान कोई बदलाव करने की जरूरत नहीं है. मगर जब कानून और व्यवस्था की जिम्मेदारी राज्यों की है तो 76 वर्ष के बाद अब ऐसी स्थिति है कि कई तरह के अपराध राज्य की सीमा तक सीमित नहीं हैं. वे अंतरराज्यीय भी हैं. बहुराज्यीय भी हैं- जैसे नारकोटिक्स, साइबर अपराध, संगठित अपराध गिरोह, हवाला.