संसद में वक्फ संशोधन बिल पास हो गया है. बिल पर बहस शुरू हो गई है. बहस के दौरान, गृहमंत्री अमित शाह ने सरकार का पक्ष रखा. उन्होंने विपक्ष पर निशाना भी साधा. उन्होंने विपक्ष से कहा कि आपका आग्रह था कि संयुक्त संसदीय समिति बनानी चाहिए. हमारे पास कांग्रेस जैसी कोई समिति नहीं है. हमारे पास एक लोकतांत्रिक समिति है, जो विचार करती है. हर एक मुद्दे पर मंथन करती है. कांग्रेस के जमाने में समितियां हुआ करती थीं, जो सिर्फ थप्पा लगाती थीं. हमारी समितियां चर्चा करती है. चर्चा के आधार पर विचार-विमर्श होता है. बदलाव भी होता है. अगर बदलावों को स्वीकार ही नहीं किया जाना है तो समिति का मतलब ही क्या है.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने किया विरोध
वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पारित होने से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने कहा कि अगर ये विधेयक संसद में पारित होगा तो हम इसके खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे. हम चुप नहीं रहेंगे. हम सभी कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों का इस्तेमाल करेंगे. जब तक प्रस्तावित संशोधन वापस नहीं ले लिया जाता. हम शांतिपूर्ण आंदोलन करेंगे.
डॉ. इलियास ने आगे कहा कि ये विधेयक भेदभावपूर्ण है. ये सांप्रादायिक रूप से प्रेरित है. दुख है कि विपक्षी सांसदों द्वारा उठाए गए बदलावों पर जेपीसी ने विचार ही नहीं किया.