एक और नटवरलाल सामने आया, फर्जी देशों का राजदूत, गाजियाबाद के घर पर छापेमारी में STF को चौंकाया

गाजियाबाद का हर्षवर्धन खुद को फर्जी देशों का राजदूत बताता था. एसटीएफ की जांच में सामने आया कि उसने West Arctica, Saborga, Poulvia, Lodonia के नाम पर दूतावास खोला था.

गाजियाबाद का हर्षवर्धन खुद को फर्जी देशों का राजदूत बताता था. एसटीएफ की जांच में सामने आया कि उसने West Arctica, Saborga, Poulvia, Lodonia के नाम पर दूतावास खोला था.

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Mohit Saxena
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rajdoot Photograph: (social media)

उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने एक फर्जीवाड़े का भंड़ाफोड़ किया है. STF की नोएडा यूनिट ने गाजियाबाद के हर्षवर्धन को गिरफ्तार किया है. इस गिरफ्तारी के बाद से चौकाने वाला खुलासा हुआ है. हर्षवर्धन ने एक ऐसा नटवरलाल पकड़ा है, जिसने खुद को ऐसे देश का एंबेसडर बताया जो असल में दुनिया के नक्शे में ही नहीं है. इस तरह का फर्जी तंत्र बीते काफी समय से चल रह था. फर्जी पहचान के जरिए हवाला और विदेशी मुद्रा के गैरकानूनी संचालन जैसी गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था. 

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फर्जी देशों के नाम पर दूतावास 

एसटीएफ ने जांच में पाया कि हर्षवर्धन जैन खुद को ‘माइक्रोनेशन’ या फर्जी देशों का राजदूत कहते थे. उसने West Arctica, Saborga, Poulvia, Lodonia के नाम पर दूतावास को खोला था. आपको बता दें कि इन देशों का गूगल पर भी किसी तरह का जिक्र नहीं है. यह एक गांव और माइक्रोनेशन की तरह है. इसे देश का दर्जा  नहीं दिया गया है. दूसरा नाम Palvia को खंगाला गया तो सर्च मेंं कुछ लोगों के नाम सामने आए. इसी तरह जब Ladania को खोजा गया तो यह एक लैब नाम पाया गया. एक देश का नाम ये शख्स West Arctica लिखता था.

हर्षवर्धन ने इन नामों पर दूतावास के साथ एक सेटअप भी खड़ा किया था. गाजियाबाद के केबी 35 कविनगर स्थित किराए की कोठी में इसे तैयार किया गया था. यहां पर विदेशी झंडे, नकली डिप्लोमैटिक पासपोर्ट्स और फर्जी दस्तावेजों के सहारे खुद को अंतरराष्ट्रीय स्तर का राजनयिक बताता था. 

पीएम मोदी संग मॉर्फ्ड तस्वीर

आपको बता दें कि 22 जुलाई 2025 को नोएडा एसटीएफ ने इस फर्जी एंबेसी पर छापेमारी की. यहां से हर्षवर्धन जैन को गिरफ्तार किया. उससे पूछताछ में पाया कि वह अपने प्रभाव और रुतबे को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और अन्य विदेशी नेताओं के संग ऐसी मॉर्फ्ड तस्वीरें तैयार की थीं. इस पूरे अभियान के पीछे उसका मुख्य लक्ष्य विदेशों में फर्जी नौकरियों का झांसा देना था.  इस तरह से मोटी रकम वसूली जाती.  शेल कंपनियों के जरिए हवाला कारोबार और नकली पासपोर्ट और विदेशी मुद्रा का अवैध व्यापार के संग निजी कंपनियों को विदेश कनेक्शन दिलाने के नाम पर दलाली की कोशिश होती थी.

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