गजब! सुनने में आपको भी अटपटा सा लग सकता है. लेकिन बिहार शिक्षा विभाग का ये कारनामा आपको भी हैरान कर देगा. आपको बता दें कि सरकार शादीशुदा महिलाओं को बच्चा प्रसव के दौरान मैटरनिटी लीव देती है. ऐसी व्यवस्था देश के हर राज्य में संचालित है. यही नहीं बच्चों की देखभाल के लिए सरकारी स्कूलों में चाइल्ड केयर लीव भी दी जाती है. उत्तर प्रदेश, बिहार समेत तमाम राज्यों में यही व्यवस्था है. लेकिन बिहार से एक गजब का मामला सामने आ रहा है. जहां शिक्षा विभाग ने एक पुरूष शिक्षक को मातृत्व अवकाश दिया हुआ है. यही नहीं बाकायदा उसकी लीव में लिखा हुआ है कि बच्चा प्रसव के दौरान इन्हें लीव दी गई है..
क्या है पूरा मामला
मामला बिहार के जमुई जिले में सामने आया है. जहां शिक्षा विभाग ने एक पुरुष शिक्षक को भी महिला महिला शिक्षिकाओं को प्रसव के बाद दिए जाने वाले मातृत्व अवकाश की स्वीकृति प्रदान कर दी. मामला जब प्रकाश में आया तो विभाग में हडकंप मच गया. जमुई जिले के सोनो प्रखंड क्षेत्र के उत्क्रमित मध्य विद्यालय ढोंढ़री में पदस्थापित शिक्षक मो. जहीर को शिक्षा विभाग ने मातृत्व अवकाश दे दिया. हैरानी की बात तो यह है कि शिक्षक ने अपने लिए मेडिकल लीव मांगा था. लेकिन विभाग की ओर से उसकी छुट्टी मातृत्व अवकाश में दर्ज कर ली गई. जिसके बाद अब शिक्षा विभाग की जमकर किरकिरी हो रही है.
मांगी थी मेडिकल लीव
दरअसल, बीते नवंबर माह में शिक्षक मो. जहीर ने अपनी तबीयत खराब होने के बाद शिक्षा विभाग को आवेदन लिखकर मेडिकल लीव की मांग की थी. उन्हें छुट्टी दे भी दी गई. लेकिन जब बाद में ई-शिक्षा कोष पोर्टल की रिपोर्ट सामने आई, तब उसमें यह देखा गया कि शिक्षक मो. जहीर को मेडिकल लीव की जगह मैटरनिटी लीव दिया गया है. बाकायदा विभाग की वेबसाइट ही नहीं बल्कि ऑफलाइन भी पुरुष शिक्षक को मैटरनिटी लीव ही भर दिया गया. जब बात मीडिया में वायरल हुई तो शिक्षा विभाग की नींद खुली और उसे ठीक करने का प्रोसेस किया गया.. यही नहीं प्रखंड शिक्षा अधिकारी अर्चना कुमारी ने विभाग की गलती मानी है. साथ ही उसे तत्काल ठीक कराने के आदेश भी दिये हैं.