Air Pollution से प्रजनन दर पर पड़ सकता है असर, NGT ने माँगी रिपोर्ट, जाने क्या है पूरा मामला

खराब वायु गुणवत्ता के कारण को वाहनों से होने वाले उत्सर्जन, औद्योगिक गतिविधियां और निर्माण कार्यों में निकलने वाली धूल को बताया गया है... इस स्टडी में PM2.5 प्रदूषकों (2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले बारीक कण) के प्रति बच्चों और बुजुर्गों की विशेष संवेदनशीलता पर प्रकाश डाला गया है

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Mohit Sharma
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Air Pollution से प्रजनन दर पर पड़ सकता है असर, NGT ने माँगी रिपोर्ट, जाने क्या है पूरा मामला

( रिपोर्टर - सुशील पांडेय )

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दिल्ली - एनसीआर में बढ़ते हुए वायु प्रदूषण से आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है..एनजीटी ने देश में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बारे में दो रिपोर्ट का स्वतः संज्ञान लिया है.... इस मामले में एनजीटी ने सीपीसीबी, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है...एनजीटी ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि दोनों रिपोर्ट ने पर्यावरण मानदंडों के अनुपालन से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए हैं...

एनजीटी इस मुद्दे पर दो रिपोर्टों के आधार पर विचार कर रहा है..एनजीटी के संज्ञान में एक अध्ययन लैंसेट प्लैनेटरी हेल्थ है... इसने 10 देश के प्रमुख शहरों में सालाना करीब 33 हजार मौतों को वायु प्रदूषण से जोड़ा है... इन शहरों में अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, पुणे, शिमला और वाराणसी शामिल है...

एयर पॉल्यूशन से प्रजनन दर पर भी पड़ सकता है असर

खराब वायु गुणवत्ता के कारण को वाहनों से होने वाले उत्सर्जन, औद्योगिक गतिविधियां और निर्माण कार्यों में निकलने वाली धूल को बताया गया है... इस स्टडी में PM2.5 प्रदूषकों (2.5 माइक्रोमीटर या उससे कम व्यास वाले बारीक कण) के प्रति बच्चों और बुजुर्गों की विशेष संवेदनशीलता पर प्रकाश डाला गया है... इसमें कहा गया है कि वायु प्रदूषण हार्मोनल व्यवधान पैदा करके प्रजनन दर को भी प्रभावित कर सकता है... एनजीटी ने सीपीसीबी, केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय और गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को नोटिस जारी किया है...एनजीटी 23 अक्टूबर को करेगा मामले की सुनवाई..

हार्ट रोग और अन्य बीमारियों को खतरा

दूसरे मामले में एनजीटी ने IIT दिल्ली की एक स्टडी रिपोर्ट का संज्ञान लिया है.. पूर्वी दिल्ली, लुधियाना और पंचकुला में भारी धातु प्रदूषकों के उच्च स्तर का पता चला है... PM 2.5 कणों में इन धातुओं की मौजूदगी विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों सहित कमजोर आबादी के लिए स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती है...लंबे समय तक संपर्क सांस लेने और हृदय रोगों, तंत्रिका संबंधी विकारों और अन्य गंभीर स्वास्थ्य जटिलताओं से जुड़ा हुआ है. इस मामले में एनजीटी ने दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ,सीपीसीबी, एमओईएफसीसी और संबंधित जिला मजिस्ट्रेटों को नोटिस जारी किया है...मामले की आगे की सुनवाई 6 फरवरी 2025 को होगी...

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