एयर इंडिया फ्लाइट हादसे की जांच तेज: जानिए किन बिंदुओं पर होगी पड़ताल

जांच की शुरुआत विमान के ब्लैक बॉक्स (जिसमें FDR और CVR शामिल हैं) को सुरक्षित करने से होगी. यह डिवाइस हादसे के तकनीकी कारणों को समझने में सबसे अहम कड़ी है.

जांच की शुरुआत विमान के ब्लैक बॉक्स (जिसमें FDR और CVR शामिल हैं) को सुरक्षित करने से होगी. यह डिवाइस हादसे के तकनीकी कारणों को समझने में सबसे अहम कड़ी है.

author-image
Madhurendra Kumar
एडिट
New Update
Air India flight accident investigation intensifies

Air India flight accident investigation intensifies Photograph: (Social Media)

अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जांच एजेंसियां सक्रिय हो चुकी हैं. एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने हादसे की जांच प्रक्रिया को औपचारिक रूप से शुरू कर दिया है. साथ हीं डीडीसीए के एक्सपर्ट भी इस जांच को आगे बढ़ा रहे हैं. विशेषज्ञों की  विशेष टीम  हादसे के हर पहलू को खंगालने के लिए 10 अहम बिंदुओं को अपनी जांच की आधारशिला बना सकती है. आइए अब जानते हैं किन-किन स्तरों पर जांच होगी:

Advertisment

1.ब्लैक बॉक्स की बरामदगी:

जांच की शुरुआत विमान के ब्लैक बॉक्स (जिसमें FDR और CVR शामिल हैं) को सुरक्षित करने से होगी. यह डिवाइस हादसे के तकनीकी कारणों को समझने में सबसे अहम कड़ी है.

2. FDR (फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर) की जांच:

इसमें लगातार दर्ज होने वाले कंटिन्यूअस पैरामीटर जैसे इंजन की स्पीड, थ्रोटल प्रेशर, ऊंचाई, स्विच की स्थिति आदि का विश्लेषण होगा. साथ ही वन टाइम इवेंट पैरामीटर जैसे इंजन फेलियर, फायर अलार्म, ऑयल प्रेशर में गिरावट को भी जांचा जाएगा.

3. CVR (कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर) की जांच:

पायलटों के बीच टेक-ऑफ से क्रैश के पहले तक हुई बातचीत को एनालाइज किया जाएगा. खासकर उस समय की बातचीत जब "मेडे कॉल" से पहले कोई तकनीकी दिक्कत सामने आ रही थी. इस विमान के क्रैश के ठीक पहले मेडे कॉल हुई है.

4. डेटा मिल्किंग और पुराने रिकॉर्ड से तुलना:

ब्लैक बॉक्स से डेटा निकालकर उसकी तुलना पिछले रिकॉर्ड्स से की जाएगी. इससे पता लगाया जाएगा कि क्या किसी पैरामीटर में पहले से कोई तकनीकी गड़बड़ी के संकेत मौजूद थे.

5. ATC रिकॉर्डिंग की जांच:

एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) और पायलटों के बीच हुई आखिरी बातचीत, कम्युनिकेशन गैप और आपातकालीन संकेतों की समीक्षा होगी.

6. वीडियो और डिजिटल सबूत का विश्लेषण:

हादसे से जुड़े वीडियो फुटेज और मोबाइल क्लिप्स को सुरक्षित कर उनकी फ्रेम-दर-फ्रेम तकनीकी जांच की जाएगी.

7. प्रत्यक्षदर्शियों और बचे यात्री से पूछताछ:

इस भयावह हादसे में जीवित बचे एकमात्र यात्री विश्वस कुमार रमेश के बयान से जांच को अहम सुराग मिल सकते हैं. साथ ही आसपास के प्रत्यक्षदर्शियों से भी जानकारी जुटाई जाएगी.

8. फ्लैप्स और एयरोडायनामिक सिस्टम की भूमिका:

जानकारों के अनुसार हादसे से पहले फ्लैप्स की स्थिति संदिग्ध दिखी. फ्लैप्स के ठीक से काम न करने से लिफ्ट प्रभावित हो सकती है—इस पहलू की बारीकी से जांच होगी.

9. संभावित तकनीकी कारणों की पड़ताल:

बर्ड हिट, दोनों इंजन का एक साथ फेल होना, विंग फ्लैप फेलियर जैसी दुर्लभ लेकिन संभावित स्थितियों को तकनीकी दृष्टिकोण से खंगाला जाएगा.

10. पूरे घटनाक्रम का रिक्रिएशन:

जांच टीम कंपोजिट एनालिसिस तैयार करेगी—जिसमें यह समझने की कोशिश की जाएगी कि क्या, कब, कैसे और कहां यह हादसा हुआ. इससे वास्तविक घटना की वैज्ञानिक री-क्रिएशन संभव होगी. जांच के इन तमाम पहलुओं से गुजरने के बाद हीं एक्सपर्ट इस नतीजे पर पहुंचेंगे की विमान हादसे की प्रमुख वजह क्या रही

Ahmedabad Plane Crash Video Ahmedabad Plane Crash Ahmedabad Plane Crash News
      
Advertisment