Air Bus Grounded: एविएशन विशेषज्ञ आलोक सिंह के मुताबिक एयरबस A320 पूरी तरह फ्लाइ-बाय-वायर तकनीक पर आधारित है, जिसमें 200 से ज्यादा कंप्यूटर एक साथ मिलकर विमान को नियंत्रित करते हैं.
Air Bus Grounded: एयरबस A320 विमानों में हाल ही में सामने आई तकनीकी समस्या को लेकर दुनियाभर में चिंता बढ़ी है. कंपनी ने सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए अपने कई A320 मॉडल के विमान अस्थायी रूप से ग्राउंड कर दिए हैं. दुनियाभर में करीब 6000 से ज्यादा एयरबस A320 ऑपरेट हो रहे हैं, जिनमें से बड़ी संख्या प्रभावित बताई जा रही है. इस गड़बड़ी की मुख्य वजह सूर्य से आने वाला तीव्र सोलर फ्लेयर माना जा रहा है, जिसकी वजह से विमान के कुछ अहम सॉफ्टवेयर सिस्टम में गड़बड़ी आ रही है.
क्या कहते हैं एविएशन विशेषज्ञ
एविएशन विशेषज्ञ आलोक सिंह के मुताबिक एयरबस A320 पूरी तरह फ्लाइ-बाय-वायर तकनीक पर आधारित है, जिसमें 200 से ज्यादा कंप्यूटर एक साथ मिलकर विमान को नियंत्रित करते हैं. इनमें लगे सेंसर पायलट के इनपुट को कंप्यूटर तक पहुंचाते हैं और फिर नियंत्रण सतहों तक निर्देश भेजे जाते हैं. लेकिन हाल में आए सोलर फ्लेयर्स ने इस सिस्टम को प्रभावित किया है, जिससे पायलट द्वारा दिया गया इनपुट सही तरह से कंट्रोल सर्विस तक नहीं पहुंच पा रहा है. यही वजह है कि मेक्सिको–यूएस उड़ान के दौरान नोज-अप कमांड देने पर विमान नोज-डाउन हो गया था, जो बेहद गंभीर स्थिति मानी जाती है.
विमानों मनें हार्डवेयर बदलाव की भी जरूरत
एयरबस के A320 में दो तरह के इंजन विकल्प होते हैं — नया NEO (न्यू इंजन ऑप्शन) और पुराना CEO (करंट इंजन ऑप्शन). NEO विमानों में केवल सॉफ्टवेयर अपडेट की जरूरत है, जिसे 2–3 घंटे में पूरा किया जा सकता है. जबकि CEO विमानों में हार्डवेयर बदलाव भी करने पड़ेंगे, जिसके लिए पार्ट्स बदलने और इंस्टॉलेशन में कुछ दिन लग सकते हैं. भारत में इंडिगो और एयर इंडिया जैसी कंपनियों के पास दोनों वर्जन मौजूद हैं, हालांकि इंडिगो के बेड़े में नए मॉडल की संख्या अधिक है.
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