Ahmedabad Plane Crash: गुजरात के अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. इस हादसे में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इस हादसे के बाद से ही देश और दुनियाभर से क्या आम क्या खास हर कोई अपना दुख प्रकट कर रहा है. लेकिन कहते हैं जाको राखे साइयां मार सके न कोई...यानी भगवान जिसकी रक्षा करे उसे कोई मार नहीं सकता है. इसी भीषण हादसे में बचे एक मात्र यात्री रमेश विश्वास को लेकर भी हर तरफ चर्चा हो रही है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अस्पताल में रमेश विश्वास से मिलने पहुंचे. इसके बाद उन्होंने बताया उन आखिरी पलों में उन्होंने क्या देखा? कैसे उनकी जान बची?
प्रधानमंत्री ने पूछा मेरा हाल- रमेश
रमेश विश्वास ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेरे पास आए. इस दौरान सर ने मुझ से पूछा कि अब मेरा कैसा हाल है. उन्होंने ये भी पूछा कि हादसे में आपकी जान कैसे बची. मैंने उन्हें सबकुछ बताया.
मेरी नजरों के सामने सबकुछ हुआ
रमेश विश्वास ने बताया कि विमान में उन आखिरी पलों में मेरी नजरों के सामने सबकुछ हुआ था. मुझे खुद विश्वास नहीं हुआ कि मैं कैसे बाहर निकला..थोड़ी देर के लिए मुझे लगा कि मैं मरने वाला हूं..लेकिन कुछ देर बाद मैं ठीक था और मैंने कोशिश की बाहर निकलने की. मैंने अपनी सीट की बेल्ट निकाली और ट्राय किया कि कहां से निकल सकता हूं. मेरे सामने जो अंकल आंटी थे सब मर चुके थे.
टेक ऑफ के बाद क्या हुआ
रमेश ने बताया कि फ्लाइट जैसे टेक ऑफ हुई तब 5 से 10 सेकेंड के लिए लगा कि विमान स्टक हो गया हो. लग रहा था कुछ हो रहा है. प्लेन में ग्रीन लाइट ऑन हो गई. बाद में ऐसे लगा जैसे टेक ऑफ करने के लिए विमान की स्पीड बढ रही है लेकिन विमान उड़ने की बजाय तेजी से नीचे जा रहा था.
बिल्डिंग की दूसरी साइड में गिरा
रमेश के मुताबिक वह विमान के जिस हिस्से में बैठे थे वह हिस्सा बिल्डिंग के साइड वाली जगह पर था. उन्होंने बातया मैं जिस साइड पर था वो होस्टल पर लैंड नहीं हुई. ग्राउंड की तरफ लैंड हुई थी.वहां थोड़ी जगह थी.जैसे ही मेरा डोर टूटा मैं नीचे गिरा और वहां पर जगह थी मैंने कोशिश की और वहां से निकल गया. लेकिन जो लोग बिल्डिंग साइड की तरफ होंगे वह निकल नहीं पाए होंगे.
हादसे में जल गया रमेश का लेफ्ट हैंड
बिल्डिंग की दीवार साइड से कोई नहीं निकल पाया. पता नहीं मैं कैसे बचा हूं. रमेश ने बताया कि मेरी नजरों के सामने एयर होस्टेज और अंकल आंटी भी मर गए. मैं वहां से पैदल चलकर आया. बाद में एंबुलेंस मुझे लेकर हॉस्पिटल आई है. आग लगने से मेरा लेफ्ट हैंड भी जल गया है. उन्होंने बताया हॉस्पिटल में मेरा बहुत अच्छा इलाज हो रहा है.
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