अहमदाबाद में एयर इंडिया विमान हादसे को एक माह से ज्यादा का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक इसमें मारे गए लोगों के शव अपनों के पास नहीं पहुंच पाए हैं. वहीं कुछ शवों को गलत जगहों पर पहुंचा दिए गए हैं. ये खुलासा लंदन में पीड़ित परिवारों का काम देख रहे वकीलों का दावा है कि जब इन शवों की लंदन में जांच हुई तो पता चला कि ये किसी और के हैं. इस केस में अब तक एयर इंडिया की ओर से किसी तरह की प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
अहमदाबाद में एयर इंडिया का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें क्रू मेंबरों व अन्य लोगों सहित 269 लोगों की मृत्यु हो गई थी. मरने वालों में 52 ब्रिटिश नागरिक शामिल थे. हादसा इतना भयानक था कि शवों की शिनाख्त काफी कठिन थी. इसके बाद DNA जांच करके शवों की पहचान की गई. इसके बाद इन्हें पीड़ित परिवारों तक भेजा गया. लंदन में इन शवों की दोबारा से जांच की गई है. जांच अधिकारी कोरोनर ने डीएनए मैच किया तो शव किसी दूसरे पाए गए. ऐसा एक या दो बार नहीं बल्कि 12 शवों के संग हुआ. जांच में शव बदले जाने की बात सामने आई. इसके बाद ऐन मौके पर परिवारों को अंतिम संस्कार टालना पड़ा.
शवों के अवशेष वापस भेज
रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 12 ब्रिटिश नागरिकों के शवों के अवशेष वापस भेज दिए गए. इन लोगों की डिमांड है कि प्रियजनों के शव वापस चाहते हैं. इनमें से कई लोगों को अपनों के शवों के अवशेष नहीं मिल सके हैं. कुछ लोगों के शव भी मिले, लेकिन वे उनके अपनों के है नहीं. इसे बड़ी लापरवाही की तरह देखा जा रहा है. इसका स्पष्टीकरण इन परिवारों को मिलना ही चाहिए.
ऐसे हुआ खुलासा
ब्रिटिश परिवारों तक गलत शव पहुंचने का खुलासा तब सामने आया जब पश्चिमी लंदन के वरिष्ठ कोरोनर डॉ. फियोना विलकॉक्स ने उनके परिवार से मिले डीएनए से मिलान करके उनकी पहचान सत्यापित करने की कोशिश की. इस जांच में सामने आया है कि शव गलत हैं, लेकिन सवाल ये है कि अगर यह इन परिवारों के शव नहीं है तो ये अवशेष किसके हैं. कहीं ऐसा तो नहीं कि यह मामला बहुत बड़ा हो गया. जिसे शव के अवशेष दिए गए वह पहचान भी नहीं आ पा रहे. उन्होंने उम्मीद जताई कि ब्रिटेन के पीएम कीर र्स्टामर ब्रिटिश दौरे पर पहुंचने वाले पीएम नरेंद्र मोदी के सामने इस मामले को उठाया.
एक ताबूत में दो लोगों के अवशेष
एक अन्य केस भी सामने आया है. इसमें बताया गया कि एक से अधिक व्यक्तियों के शवों के अवशेष एक ही ताबूत में रख गए. इन्हें अंतिम संस्कार के थोड़ा पहले अलग करना पड़ा. जिन शवों की पहचान हुई. उनमें से कई को उनके धर्म के हिसाब से दफनाया गया.