अहमदाबाद विमान हादसे में बनासकांठा जिले के पालनपुर से जुड़ी एक ऐसी त्रासदी सामने आई है, जिसने हर किसी को झकझोर कर रख दिया. एक ही परिवार के चार बुजुर्ग जो लंदन अपने बेटे-बहू को आशीर्वाद देने जा रहे थे. वह लौटकर कभी नहीं आए. सपनों से भरी उड़ान महज़ दो मिनट में मातम में बदल गई, और पीछे रह गई सिर्फ यादें और बहते हुए आंसू.
क्या है पूरा मामला
अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए विमान में पालनपुर के रमेश भाई ठक्कर और उनकी पत्नी लाभूबेन ठक्कर भी सवार थे. दोनों पति-पत्नी पालनपुर के लक्ष्मण टेकरी विस्तार में रहते थे. उनका बड़ा बेटा निलेश अपने परिवार के साथ कनाडा में स्थायी रूप से रह रहा है, और छोटा बेटा अंकित ठक्कर लंदन में पत्नी रिद्धि के साथ अपना व्यवसाय संभाल रहा है. कुछ समय पहले अंकित ने अपने माता-पिता को एक बड़ी खुशखबरी दी.उसकी पत्नी रिद्धि माँ बनने वाली है. यह सुनकर रमेशभाई और लाभूबेन की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. वहीं रिद्धि ने भी यह खुशखबरी अपने माता-पिता को वेरावल में सुनाई.
दोनों समधियों ने तय किया कि वे एक साथ लंदन जाएंगे
इस आनंद के मौके को खास बनाने के लिए दोनों समधियों ने तय किया कि वे एक साथ लंदन जाएंगे. अपने बेटे-बहू और होने वाले पोते/पोती को आशीर्वाद देने. रमेशभाई-लाभूबेन पालनपुर से और रिद्धि के माता-पिता वेरावल से अहमदाबाद पहुंचे. चारों बुजुर्गों ने एक साथ उसी फ्लाइट में सफर की योजना बनाई. वे सपनों और आशीर्वादों से भरे मन से अहमदाबाद एयरपोर्ट से लंदन के लिए रवाना हुए. लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. टेकऑफ के महज़ दो मिनट बाद ही विमान क्रैश हो गया. आग की लपटों में चारों बुजुर्गों ने अपनी जान गंवा दी. एक ऐसा अंत... जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी.
वहां का दृश्य बेहद मार्मिक था
जब न्यूज नेशन की टीम रमेशभाई ठक्कर के पालनपुर स्थित घर पहुंची, तो वहां का दृश्य बेहद मार्मिक था. मकान में रहनेवाली चेतनाबेन की आंखों में सिर्फ आंसू थे… और शब्द जैसे गुम हो गए थे. पड़ोसी, रिश्तेदार और जान-पहचान वाले – सबका दिल रमेशभाई और लाभूबेन के लिए रो रहा था. मोहल्ले के हर घर से जुड़ी थी उनकी कोई न कोई याद. किसी ने उनके सादगी भरे स्वभाव को याद किया, तो किसी ने मुस्कुराते चेहरे और सेवा-भावना को. एक पूरे मोहल्ले ने जैसे अपने अपने माता-पिता खो दिए हों.