Ahmedabad Air India Plane Crash: अहमदाबाद में हुए विमान हादसे को लेकर लगातार अपडेट सामने आ रहे हैं. लेकिन इसको लेकर एक शुरुआती जांच रिपोर्ट सामने आ गई है, जिसे भारत की विमानन दुर्घटना जांच संस्था एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) ने जारी किया। रिपोर्ट के अनुसार, यह हादसा मुख्य रूप से पायलट की गलती की वजह से हुआ। हादसे के वक्त विमान के दोनों इंजन फ्यूल सप्लाई बंद हो जाने की वजह से ही ये हादसा हुआ। फ्यूल स्विच ‘RUN’ से ‘CUTOFF’ मोड में चले गए थे, जिससे पूरी प्रणाली विफल हो गई।
इसी हादसे को लेकर द वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट भी सामने आई है। इसमें दावा किया गया है कि दो पायलटों की बीच कॉकपिट में बातचीत से पता चलता है कि प्लेन का फ्यूल स्विच कैप्टन की ओर से ही बंद किया गया था। जो बताता है कि पायलट की प्रारंभिरक तौर पर इस हादसे की वजह है।
कैप्टन सभरवाल ने की थी फ्यूल कटऑफ की गलती
अमेरिकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट ने इस मामले को और गंभीर बना दिया। रिपोर्ट के अनुसार, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर की जांच से यह बात सामने आई है कि कैप्टन सुमीत सभरवाल, जो कि विमान के सीनियर पायलट थे, ने उड़ान के दौरान फ्यूल स्विच को CUTOFF पोजिशन में डाल दिया था। इस पर को-पायलट क्लाइव कुंदर ने घबराहट में उनसे सवाल किया, “आपने फ्यूल स्विच को CUTOFF में क्यों कर दिया?” इस बातचीत से यह स्पष्ट होता है कि को-पायलट को इस निर्णय की जानकारी नहीं थी और वह स्थिति को लेकर अचंभित थे।
अनुभवी पायलट, फिर भी कैसे हुई गंभीर चूक
रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि कैप्टन सुमीत के पास 15,638 घंटे और को-पायलट कुंदर के पास 3,403 घंटे का उड़ान अनुभव था। इतनी व्यापक अनुभव वाली टीम से इस प्रकार की तकनीकी चूक ने विमानन विशेषज्ञों और पायलट यूनियनों को चिंता में डाल दिया है।
दोनों पायलटों के बीच क्या हुई बातचीत
अमेरिकी रिपोर्ट के दावे में दोनों पायलटों के बीच की बातचीत का भी जिक्र है। इसके मुताबिक जब विमान फर्स्ट ऑफिस पायलट ने सीनियर पायलट से पूछा कि आपने फ्यूल स्विच क्यों ऑफ कर दिया तो इस पर सीनियर पायलट की ओर से कोई रिस्पॉन्च नहीं आया। ऐसे में सीनियर पायलट के व्यवहार से फर्स्ट पायलट ऑफिसर हैरान थे। ऐसे में रिपोर्ट में दावा है कि कॉकपिट की बातचीत से कहा जा सकता है कि सीनियर पायलट ने ही फ्यूल स्विच कट किया।
पायलट संघों की प्रतिक्रिया
AAIB की रिपोर्ट पर पहले इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ एयरलाइन पायलट्स एसोसिएशन (IFALPA) ने चिंता जताई थी, और अब भारतीय पायलट संघ (FIP) ने भी रिपोर्ट के निष्कर्षों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। दोनों संगठनों का मानना है कि रिपोर्ट में सिर्फ पायलट की गलती को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराना जल्दबाजी हो सकती है और सभी पहलुओं की गहनता से जांच होनी चाहिए।
सरकार की अपील – अंतिम रिपोर्ट तक न करें निष्कर्ष
नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापू राम मोहन नायडू ने रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह रिपोर्ट केवल प्रारंभिक निष्कर्षों पर आधारित है। अंतिम रिपोर्ट आने तक हमें किसी भी नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए।” उन्होंने कहा कि भारत के पास विश्वस्तरीय पायलट और क्रू हैं, जो देश के विमानन क्षेत्र की रीढ़ हैं। सरकार पायलटों के प्रशिक्षण, कल्याण और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है।
अब सबकी नजर अंतिम रिपोर्ट पर
AAIB की अंतिम रिपोर्ट अब पूरे घटनाक्रम का विस्तृत विश्लेषण करेगी, जिसमें तकनीकी गड़बड़ी, मानव त्रुटि और ऑपरेशनल प्रक्रियाओं की भी जांच की जाएगी। तब तक, सभी निगाहें इस रिपोर्ट पर टिकी हैं जो भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा सकती है।