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मावलवी आमिर खान मुत्ताकी और एस जयशंकर Photograph: (X/@DrSJaishankar)
अफ़ग़ानिस्तान के विदेश मंत्री (FM) अमीर खान मुत्ताक़ी की भारत यात्रा भारत-अफ़ग़ान संबंधों में एक महत्वपूर्ण मोड़ लेकर आई है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित अपने भारतीय समकक्षों के साथ विस्तृत मुलाकातों के बाद, मुत्ताक़ी ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं जो व्यापार, सुरक्षा और कूटनीति के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देंगी.
कूटनीति और व्यापार में बड़ी पहल
दूतावास सशक्तिकरण: भारत सरकार ने दूतावास में अपनी तकनीकी उपस्थिति को अपग्रेड किया है, और इस्लामिक अमीरात के राजनयिक जल्द ही दिल्ली पहुँचेंगे. यह कदम दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों को मजबूत करेगा.
व्यापार और निवेश का आमंत्रण: दोनों देशों ने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एयर कॉरिडोर को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की है. इसके अतिरिक्त, एक व्यापार समिति बनाने का भी निर्णय लिया गया है.
भारतीय कंपनियों को न्योता: अफ़ग़ानिस्तान में खुले अवसरों को देखते हुए, मुत्ताक़ी ने भारतीय कंपनियों को अस्पतालों, बिजली, और खदानों जैसे क्षेत्रों में निवेश करने का खुला निमंत्रण दिया है.
स्वास्थ्य सहयोग: भारत के विदेश मंत्री ने अफ़ग़ानिस्तान में स्वास्थ्य गतिविधियों को व्यापक बनाने का संकल्प लिया, जिसके लिए अफ़ग़ानिस्तान ने भूकंप सहायता सहित भारतीय सहायता की सराहना की.
क्षेत्रीय सुरक्षा और कनेक्टिविटी पर स्पष्ट रुख
आतंकवाद पर ज़ीरो टॉलरेंस: मुत्ताक़ी ने स्पष्ट किया कि अफ़ग़ानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी के भी खिलाफ नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने पिछले 8 महीनों में कोई बड़ी घटना न होने का हवाला देते हुए सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
मादक पदार्थों पर संयुक्त प्रयास: दोनों पक्ष मादक पदार्थों के उन्मूलन के लिए संयुक्त प्रयास बढ़ाने पर सहमत हुए हैं.
चाबहार और वाघा पर ज़ोर: उन्होंने व्यापार के लिए चाबहार पोर्ट के महत्व को रेखांकित किया और भारत-पाकिस्तान दोनों से वाघा सीमा को खुला रखने का आग्रह किया, क्योंकि यह लोगों के लिए सबसे नज़दीकी और सस्ता रास्ता है.
पाकिस्तान एयर स्ट्राइक और धार्मिक संबंध
पाक की कार्रवाई पर निंदा: पाकिस्तान की ओर से सीमा क्षेत्र में हुए कथित नुकसान को मुत्ताक़ी ने "एक बड़ी भूल" बताया. उन्होंने बल प्रयोग की निंदा करते हुए कहा कि अफ़ग़ानिस्तान भी शांति और स्वतंत्रता का हकदार है, और वे एकतरफ़ा नहीं बल्कि सभी के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं.
देवबंद से जुड़ाव: मुत्ताक़ी ने देवबंद को इस्लामी जगत का एक बड़ा 'रूहानी मरकज़' बताया जिसका अफ़ग़ानिस्तान से गहरा संबंध है. उन्होंने वहां के नेताओं से मिलने और अफगान छात्रों को वहाँ अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करने की इच्छा व्यक्त की.