इंडियन कोस्ट गार्ड के बेड़े में शामिल 'अदम्य', 60% स्वदेशी सामग्री से किया तैयार
'अदम्य' इंडियन कोस्ट गार्ड का पहला फास्ट पैट्रोल वेसल बन गया है. इसमें उपयोग किए 60 प्रतिशत पुर्जे और अन्य सामान भारत में तैयार हुए हैं. इसमें भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.
'अदम्य' इंडियन कोस्ट गार्ड का पहला फास्ट पैट्रोल वेसल बन गया है. इसमें उपयोग किए 60 प्रतिशत पुर्जे और अन्य सामान भारत में तैयार हुए हैं. इसमें भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.
इंडियन कोस्ट गार्ड में पहला फास्ट पैट्रोल वेसल 'अदम्य' शामिल हो चुका है. गुरुवार (26 जून) को भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) में प्रतिष्ठित 8 एफपीवी परियोजना के तहत अदम्य को अपने बेड़े में शामिल किया है. पहले फास्ट पैट्रोल वेसल (एफपीवी) यार्ड 1271 ‘आदम्य’ को जोड़ा गया है. आईसीजी ने समुद्री सुरक्षा और स्वदेशी जहाज निर्माण में एक अहम मील का पत्थर हासिल किया है.
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'अदम्य' को अपने बेड़े में शामिल करने की जानकारी देते हुए आईसीजी की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया गया,"भारत ने अपनी समुद्री ताकत को मजबूत किया है. भारतीय तटरक्षक बल ने 8 फास्ट पैट्रोल वेसल परियोजना के तहत गोवा शिपयार्ड में पहले फास्ट पेट्रोल वेसल ‘आदम्य’ को जोड़ा गया. यह 60 फीसदी स्वदेशी सामग्री तैयार किया है. फास्ट पैट्रोल वेसल आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की शक्ति को दर्शाता है. यह तटीय सुरक्षा, ईईजेड गश्त और एसएआर ऑप्स को बढ़ावा देता है."
Indian Coast guard (social media)
473 करोड़ रुपये की लागत से तैयार
भारतीय तटरक्षक बल ने 28 अक्टूबर, 2024 को गोवा शिपयार्ड लिमिटेड की ओर से निर्मित 60 फीसदी से अधिक स्वदेशी सामग्री वाले दो फास्ट पैट्रोल वेसल 'आदम्य' और 'अक्षर' को एक साथ लॉन्च किया था. ये जहाज जीएसएल के साथ आठ ऐसे फास्ट पैट्रोल वेसल के लिए हस्ताक्षरित अनुबंध का हिस्सा हैं. इन्हें 473 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है. यह फास्ट पैट्रोल वेसल आधुनिक तकनीकि से लैस है. यह वेसल सुरक्षा, निगरानी, नियंत्रण और निगरानी की प्राथमिक भूमिका के साथ अपतटीय संपत्तियों और द्वीप क्षेत्रों की रक्षा में सहायता करेंगे.
डिस्प्लेसमेंट 320 टन है
अदम्य के लॉन्च के वक्त पीआईबी की तरफ से जानकारी दी गई कि हर एफपीवी की लंबाई 52 मीटर, चौड़ाई 8 मीटर और अधिकतम गति 27 नॉट होगी. इनमें पिच प्रोपेलर-आधारित प्रणोदन प्रणाली है. यह कंट्रोल हो सकता है. इसका डिस्प्लेसमेंट 320 टन है. इन जहाजों को अमेरिकी शिपिंग ब्यूरो और भारतीय शिपिंग रजिस्टर के कड़े दोहरे वर्ग प्रमाणन के तहत आईसीजी की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने को लेकर डिजाइन और निर्मित किया है.