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harshvardhan jain Photograph: (social media)
गाजियाबाद के हर्षवर्धन जैन का कारनामे को सुनकर हर कोई हैरान है. फर्जी दूतावास चलाकर बीते दस सालों में उसने खूब कमाई की. इस मामले उससे पूछताछ हो रही है. इसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. दस सालों में पास 12 राजनयिक पासपोर्ट थे. वहीं करीब 40 देशों की यात्रा की थी. उसके पास भारत में 12 बैंक खाते थे. वही विदेशों में आठ बैंक खाते सामने आए हैं. विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर वह मोटी कमाई किया करता था. उसने तुर्की के एक नागरिक से 20 करोड़ रुपये का कथित लेनदेन किया था. अपने आपको वह वह गैर अस्तित्व वाले देश वेस्टआर्कटिका राजनयिक बता रहा था.
पुलिस ने हिरासत की मांग की है
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उतर प्रदेश टास्क फोर्स ने हर्षवर्धन जैन के खिलाफ ब्लू कॉर्नर नोटिस की प्रक्रिया को आरंभ किया है. उसकी सभी तरह की विदेशी गतिविधियों को खंगालने की कोशिश हो रही है. पैसों के लेनदेन की पूछताछ को लेकर पुलिस ने हिरासत की मांग की है.
बैंक खातों की एक सूची तैयार की गई
हिरासत की मांग तब की गई, जब जांचकर्ताओं ने जानकारी दी कि उन्हें ऐसे सबूत प्राप्त हुए हैं, जिसमें सामने आया है कि 2002 और 2004 के आसपास तुर्की नागरिक सैयद एहसान अली से जैन ने करीब 20 करोड़ रुपये का कथित लेनदेन किया था. इसके साथ जैन के बैंक खातों की एक सूची तैयार की गई है. उसके भारत में 12 और विदेश में 8 बैंक खातों को खोला. इनमें दुबई में 5, लंदन में 2 और मॉरीशस में एक बैंक खाता पाया गया. ऐसा बताया जा रहा है कि जैन ने ब्रिटेन, संयुक्त अरब अमीरत, मॉरीस तुर्की,फ्रांस, इटली, बुल्गारिया, कैमरून, स्विट्जरलैंड, पोलैंड, श्रीलंका और बेल्जियम जैसे देशों की यात्रा कर चुका है. एसटीएफ की नोएडा ईकाई ने जांच में पाया कि विदेशों में नौकरी दिलाने का झूठा वादा करके वह सौदेबाजी किया करता था। पता है कि अपनी फर्जी कंपनियों के संचालन के लिए विदेशी दौरा किया करता था.