/newsnation/media/media_files/2025/09/11/aap-mp-sanjay-singh-2025-09-11-16-18-46.jpg)
वायरल वीडियो Photograph: (X/SANJAYSINGH)
जम्मू-कश्मीर की राजनीति में गुरुवार को ऐसा ड्रामा देखने को मिला, जिसने सबको चौंका दिया. आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को उस वक्त हाउस अरेस्ट कर लिया गया जब वे श्रीनगर के एक सरकारी गेस्ट हाउस में ठहरे हुए थे. इस कार्रवाई की खबर फैलते ही नेशनल कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. फारुख अब्दुल्ला उनसे मिलने पहुंच गए. लेकिन गेस्ट हाउस का गेट बंद होने के कारण दोनों नेता आमने-सामने होकर भी एक-दूसरे से मिल नहीं पाए. दोनों ने लोहे की ग्रिल के बीच खड़े होकर ही संवाद किया.
यह लोकतंत्र नहीं बल्कि तानाशाही
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो खुद संजय सिंह ने सोशल मीडिया पर शेयर किया. वीडियो के साथ उन्होंने लिखा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जम्मू-कश्मीर के कई बार मुख्यमंत्री रह चुके डॉ. फारुख अब्दुल्ला जी को भी मुझसे मिलने नहीं दिया गया. यह लोकतंत्र नहीं बल्कि तानाशाही है.
अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर गए थे संजय सिंह
दरअसल, इस विवाद की पृष्ठभूमि जम्मू-कश्मीर आप विधायक मेहराज मलिक पर लगाए गए पब्लिक सेफ्टी एक्ट (PSA) से जुड़ी है. मलिक की गिरफ्तारी के बाद कश्मीर में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए थे. इन्हीं हालात के बीच पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल के निर्देश पर संजय सिंह और विधायक इमरान हुसैन श्रीनगर पहुंचे थे. वहां वे मेहराज मलिक के समर्थन में प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही उन्हें गेस्ट हाउस में नजरबंद कर दिया गया.
हुआ आतंकवादियों जैसा व्यवहार
संजय सिंह ने कहा कि लोकतंत्र में चुने हुए जनप्रतिनिधियों के साथ अपराधियों और आतंकवादियों जैसा व्यवहार नहीं किया जा सकता. उन्होंने मेहराज मलिक की गिरफ्तारी को पूरी तरह तानाशाही करार दिया और कहा कि आवाज़ उठाने वालों को चुप कराने की कोशिश हो रही है.
राजनीतिक गलियारों में हुई हलचल
इस कार्रवाई से जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक नई हलचल पैदा हो गई है. विपक्षी दलों का कहना है कि केंद्र और राज्य प्रशासन असहमति की आवाज दबा रहे हैं. वहीं सरकार की ओर से अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है. फिलहाल, सोशल मीडिया पर यह वीडियो खूब चर्चा में है, जिसमें दो बड़े नेता संजय सिंह और फारुख अब्दुल्ला एक ही गेट की दीवार के दो ओर खड़े होकर लोकतंत्र और आजादी की बात करते नजर आते हैं.
बहुत दुःख की बात है जम्मू कश्मीर के कई बार मुख्यमंत्री रहे डॉक्टर फारूख अब्दुल्ला जी पुलिस द्वारा मुझे हाउस अरेस्ट किए जाने की ख़बर पाकर मुझसे मिलने सरकारी गेस्ट में आये उन्हें मिलने नहीं दिया गया।
— Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) September 11, 2025
ये तानाशाही नहीं तो और क्या है? pic.twitter.com/MOcNb1heE6
ये भी पढ़ें- नेपाल हिंसा में मरने वालों की संख्या 31 हुई, अंतरिम सरकार के लिए बातचीत जारी