गाजियाबाद के एक्सप्रेसवे गार्डन सोसाइटी में अनुमति से ज्यादा फ्लैट बनाने के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष, डीएम राकेश कुमार सिंह और बिल्डर को 8 दिसंबर को तलब किया है। हाईकोर्ट ने पूछा है कि जब अनुमति 536 की थी तो 670 फ्लैट कैसे बन गए?
दरअसल, इंदिरापुरम क्षेत्र के वैभव खंड में एक्सप्रेस गार्डन सोसाइटी है। बिल्डर पंकज गोयल ने 30 जून 2005 को सोसाइटी का नक्शा जीडीए से पास कराया। इसके बाद 536 फ्लैट्स का शमन मानचित्र साल-2008 में अंतिम बार स्वीकृत हुआ। लेकिन, बिल्डर ने इससे 134 फ्लैट्स ज्यादा बना लिए। रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) इसके खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में चली गई। इस मामले की सुनवाई सोमवार को हाईकोर्ट में जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की अदालत में हुई।
अदालत ने कहा- ये बहुत अजीब है कि प्रमोटर ने गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की नाक के नीचे 134 अतिरिक्त फ्लैटों का निर्माण कैसे किया और प्राधिकरण के अधिकारियों नेे कोई कार्रवाई नहीं की। मामला गंभीर है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष और प्रमोटर पंकज गोयल दोनों 8 दिसंबर 2023 को उपस्थित होकर बताएं कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए?
गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं डीएम राकेश कुमार सिंह ने मंगलवार को विभाग का पक्ष रखा है। उन्होंने कहा, मामला पहले से हाईकोर्ट में चल रहा है। बिल्डर की याचिका पर हाईकोर्ट ने 31 मई 2023 को आदेश दिया था कि उसका रिवीजन निस्तारित किया जाए। इसका निस्तारण होने तक बिल्डर के विरुद्ध कोई कार्रवाई न की जाए। हाईकोर्ट ने जानना चाहा है कि मौके पर 536 के स्थान पर 670 फ्लैट्स कैसे बन गए। 8 दिसंबर को प्राधिकरण द्वारा हाईकोर्ट में मौजूद रहकर पक्ष रखा जाएगा।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS