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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पांच बिल्डर भूखंडों की योजना की लॉन्च

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पांच बिल्डर भूखंडों की योजना की लॉन्च

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पांच बिल्डर भूखंडों की योजना लॉन्च कर दी है। इस स्कीम के ब्रोशर डाउनलोड करने और पंजीकरण की सुविधा मंगलवार से शुरू हो जाएगी। इन पांच भूखंडों के आवंटन से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को रिजर्व प्राइस के आधार पर करीब 500 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।

भूखंडों का आवंटन ई-ऑक्शन के जरिए होगा। इन भूखंडों के आवंटन होने पर 8,000 नए फ्लैट बन सकेंगे।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर बिल्डर विभाग की तरफ से पांच बिल्डर भूखंडों की योजना लॉन्च की गई है। इस योजना के जरिए कुल 99 हजार वर्ग मीटर जमीन आवंटित की जाएगी। ये भूखंड ओमीक्रॉन वन ए, म्यू, सिग्मा थ्री, अल्फा टू, पाई वन व टू में स्थित हैं। ये भूखंड 3,999 वर्ग मीटर से लेकर 3,0470 वर्ग मीटर एरिया तक के हैं। इसके ब्रोशर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। इनको डाउनलोड किया जा सकता है।

इन भूखंडों के लिए एसबीआई पोर्टल के जरिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट पर भी इसका लिंक दिया गया है। इस योजना में पंजीकरण की अंतिम तिथि 23 जुलाई है। पंजीकरण शुल्क, ईएमडी (अर्नेस्ट मनी डिपोजिट) और प्रोसेसिंग फीस 26 जुलाई तक जमा करनी है। डॉक्यूमेंट सब्मिट करने की अंतिम तिथि 29 जुलाई है। आवंटन होते ही इन भूखंडों पर पजेशन भी मिल जाएगा। सभी पांच भूखंडों के आवंटन होने पर करीब 8,000 नए फ्लैट बन सकेंगे।

प्राधिकरण के सीईओ का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में हरियाली एनसीआर में सबसे अधिक है। इंफ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी के लिहाज से अन्य शहरों के मुकाबले ग्रेटर नोएडा बेहतर है। रिहायश के लिए ग्रेटर नोएडा बहुत बेहतर विकल्प है।

इससे पहले 27 जून को भी ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 12 वाणिज्यिक भूखंडों की योजना लॉन्च की थी। अगर सभी भूखंड आवंटित हो गए तो ग्रेटर नोएडा में शीघ्र ही 12 कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स बन सकेंगे। रिजर्व प्राइस पर इन 12 भूखंडों की कीमत लगभग 1,014 करोड़ रुपये रखी गई है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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