दिल्ली की क्राइम ब्रांच टीम ने किडनी रैकेट कांड का खुलासा करते हुए एक नामी अस्पताल की डॉक्टर विजया राजकुमारी समेत 7 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें 3 बांग्लादेशी नागरिक भी थे। इस रैकेट के तार दिल्ली से सटे नोएडा के कई अस्पतालों से भी जुड़े हुए पाए गए हैं, जिसमें अभी तक दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच जांच कर रही है। अब इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश शासन की तरफ से भी की जाएगी।
उत्तर प्रदेश शासन ने अपनी तरफ से एक पांच सदस्यीय टीम जांच के लिए गठित की है जो इस पूरे मामले में गौतमबुद्ध नगर के स्वास्थ्य विभाग और अस्पतालों की भूमिका की जांच करेगी।
मिली जानकारी के मुताबिक, इस टीम में जिले के एडीएम एफ/आर, सीएमओ, डीसीपी, जीआईएमएस हॉस्पिटल के डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल शामिल हैं। इस रैकेट के तार जिले के कई अस्पतालों से जुड़े हुए दिखाई दिए थे। अब तक अंग प्रत्यारोपण के सबसे ज्यादा ऑपरेशन यथार्थ अस्पताल में हुए हैं। इसलिए बीते मंगलवार को यथार्थ अस्पताल बिसरख हॉस्पिटल में 3 घंटे पूछताछ की गई।
मिली जानकारी के मुताबिक, डोनर/रिसीवर से संबंधित अनुमति की जांच, रजिस्ट्रेशन की जांच, फर्जी डॉक्यूमेंट्स संबंधित जांच, हॉस्पिटल की मिलीभगत को लेकर जांच की गई है।
सूत्रों के मुताबिक, इस मामले में यथार्थ हॉस्पिटल के अन्य ब्रांच में भी जांच की जाएगी। इस पूरी जांच की रिपोर्ट जल्द ही तैयार कर शासन को भी सौंपी जाएगी। ये पूरी जांच आरोपी महिला डॉक्टर विजया के प्रत्यारोपण संबंधित मामलों को लेकर की जा रही है।
माना जा रहा है अभी इस पूरे रैकेट में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। वहीं इस मामले में यथार्थ हॉस्पिटल के अधिकारियों ने बताया कि पकड़ी गई महिला डॉक्टर से कोई सीधा संबंध नहीं है, क्योंकि वह किसी अन्य अस्पताल का हिस्सा हैं। सभी प्रक्रियाओं के लिए हम उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करते हैं, रोगी की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं और सभी नैदानिक और सरकारी प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हैं। हमने सभी जांचों में पूरा सहयोग किया है, और हमारे अस्पताल या हमारी प्रथाओं के खिलाफ कोई गलत काम नहीं हुआ है।
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Source : IANS