झारखंड में चंपई सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया है। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद हुई वोटिंग में सरकार के पक्ष में 47 वोट पड़े। यह संख्या विधानसभा के मौजूदा स्ट्रेंथ और सदन में उपस्थित विधायकों की संख्या के हिसाब से बहुमत के लिए जरूरी नंबर से सात ज्यादा है।
वोटिंग के पहले राज्यपाल के लगभग 35 मिनट के अभिभाषण के दौरान कांग्रेस और झामुमो के विधायकों ने हेमंत सोरेन के समर्थन में लगातार नारेबाजी की। कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव ने अभिभाषण शुरू होने के पहले आरोप लगाया कि झारखंड में जनता की चुनी सरकार को केंद्र सरकार के इशारे पर अपदस्थ किया गया है।
पूर्व सीएम और बरहेट विधानसभा क्षेत्र के विधायक हेमंत सोरेन भी वोटिंग के दौरान सदन में मौजूद रहे। स्पीकर ने उनके लिए सत्ता पक्ष के निर्धारित स्थान में अगली कतार में सीट अलॉट की थी। अदालत ने उन्हें एक घंटे के लिए सदन में उपस्थित होने की इजाजत दी थी। अदालत ने उन्हें आदेश दिया था कि वे मीडिया से कोई बातचीत नहीं करेंगे।
फ्लोर टेस्ट के दौरान झामुमो के रामदास सोरेन गंभीर रूप से बीमार रहने की वजह से सदन में उपस्थित नहीं हो पाए। सत्तारूढ़ गठबंधन के जिन तीन विधायकों सीता सोरेन, लोबिन हेंब्रम और चमरा लिंडा को नाराज बताया जा रहा था, उन्होंने भी सरकार के पक्ष में वोट किया।
सत्तारूढ़ गठबंधन ने विधायकों को एकजुट रखने के लिए तीन दिनों तक हैदराबाद के रिजॉर्ट में रखा था। सभी विधायक रविवार शाम हैदराबाद से वापस रांची आए थे। सोमवार को सभी विधायक एक साथ सदन में पहुंचे थे।
विश्वास मत पर वोटिंग के साथ ही सदन की कार्यवाही मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। मंगलवार को सदन के दो दिवसीय विशेष सत्र का आखिरी दिन है।
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Source : IANS