Advertisment

केंद्र ने जिसे दिया 42 लाख का ग्रांट, मिलते-जुलते नाम के दूसरे ट्रस्ट ने उठा ली रकम, अब होगी सीबीआई जांच

केंद्र ने जिसे दिया 42 लाख का ग्रांट, मिलते-जुलते नाम के दूसरे ट्रस्ट ने उठा ली रकम, अब होगी सीबीआई जांच

author-image
IANS
New Update
42-20--20230920154505

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

झारखंड के जमशेदपुर में एक शख्स ने स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट नामक संस्था के मिलते-जुलते नाम से दूसरा ट्रस्ट बनाकर फर्जी तरीके से केंद्र सरकार से 42 लाख रुपए का ग्रांट ले लिया। गबन का मामला 20 साल पुराना है, जिसकी जांच अब सीबीआई करेगी।

झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस एसके द्विवेदी की कोर्ट ने इससे जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया है। याचिका स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट की ओर से दाखिल की गयी थी। मामला वर्ष 2002-03 का है।

जमशेदपुर में स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट की ओर से आदिवासी बालिकाओं के लिए हॉस्टल चलाया जा रहा था। इसके संचालन के लिए केंद्रीय जनजाति विकास विभाग (मंत्रालय) ट्रस्ट को पैसे देता था।

वर्ष 2002-03 में विभाग ने ट्रस्ट को 42 लाख रुपये आवंटित किए थे। लेकिन, ट्रस्ट के सचिव रहे सरोज दास ने साजिश रचकर मिलते-जुलते नाम से स्वामी विवेकानंद ट्रस्ट बनाया और दिल्ली जाकर अफसरों की मिलीभगत से अपने ट्रस्ट के खाते में 42 लाख रुपये डलवा लिए।

रुपयों के गबन का मामला सामने आया तो जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाने में केस किया गया। लेकिन, पुलिस की जांच में मामले में कोई नतीजा नहीं निकला। इसके बाद केंद्र ने राज्य सरकार को जांच के लिए लिखा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। इसके बाद स्वामी विवेकानंद सेवा ट्रस्ट ने मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की।

अदालत ने राज्य सरकार से मामले की सीबीआई जांच को लेकर मंतव्य मांगा था, जवाब में राज्य सरकार की ओर से कहा गया था कि हमें इस मामले की सीबीआई जांच से कोई आपत्ति नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने सीबीआई जांच का आदेश दिया। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता पांडेय नीरज राय ने कोर्ट में पक्ष रखा।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment