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Delhi Balst: गृह मंत्री अमित शाह ने आतंकवाद के खिलाफ देश की रणनीति को लेकर बड़ा और स्पष्ट बयान दिया है. एक आतंकवाद-विरोधी सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लाल किले के बाहर हुए धमाके में करीब 40 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने जोर देकर कहा कि पहलगाम और दिल्ली विस्फोट जैसे मामले सामान्य पुलिस कार्रवाई नहीं, बल्कि असाधारण और गहन जांच के उदाहरण हैं, जिनसे भारत की सुरक्षा एजेंसियों की क्षमता सामने आती है.
‘सामान्य पुलिसिंग नहीं, विशेष जांच के उदाहरण’
अमित शाह ने कहा कि ऐसे आतंकी मामलों को केवल नियमित पुलिसिंग के दायरे में देखना गलत होगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि इन घटनाओं में खुफिया तंत्र, अंतरराज्यीय समन्वय और तकनीकी जांच की अहम भूमिका रही है. गृह मंत्री ने बताया कि संगठित अपराध और आतंकवाद पर एक साथ प्रहार करने के लिए केंद्र सरकार जल्द ही एक व्यापक कार्य योजना लेकर आ रही है.
समान एटीएस ढांचे पर जोर
सम्मेलन के दौरान अमित शाह ने सभी राज्यों के डीजीपी से अपील की कि वे देशभर में पुलिस के लिए एक समान और अत्यंत आवश्यक एंटी-टेररिज्म स्क्वॉड (ATS) संरचना को जल्द से जल्द लागू करें. उनका कहना था कि जब तक राज्यों में आतंकवाद से निपटने के लिए एक जैसी मजबूत व्यवस्था नहीं होगी, तब तक राष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा तंत्र पूरी तरह प्रभावी नहीं हो सकता.
दिल्ली विस्फोट: साजिश नाकाम करने का दावा
गृह मंत्री ने दिल्ली विस्फोट के मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस की भूमिका की विशेष सराहना की. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान विस्फोट से पहले ही करीब 3 टन विस्फोटक बरामद कर लिया गया था और इस साजिश में शामिल पूरी टीम को धमाके से पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया था. शाह ने कहा कि यह जांच भारत के आतंकवाद-विरोधी प्रयासों की एक मिसाल है.
Inaugurated the Anti-Terrorism Conference 2025 in New Delhi. These conferences have played a crucial role in shaping the building blocks of the security grid built under Modi Ji’s vision of zero tolerance for terror.
— Amit Shah (@AmitShah) December 26, 2025
Thinking ahead is critical to thwarting terror, and advanced… pic.twitter.com/tJVUEqa42F
मजबूत आतंकवाद-विरोधी तंत्र की जरूरत
अमित शाह ने कहा कि देश को आने वाली पीढ़ियों के लिए एक अभेद्य और मजबूत आतंकवाद-विरोधी तंत्र का निर्माण करना होगा. यह तंत्र ऐसा होना चाहिए जो किसी भी प्रकार के खतरे का सामना करने में सक्षम हो और समय रहते साजिशों को नाकाम कर सके.
बैसरन घाटी हमला और निर्णायक जवाब
गृह मंत्री ने बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया था. आतंकियों का उद्देश्य सांप्रदायिक सद्भाव को नुकसान पहुंचाना और कश्मीर में विकास व पर्यटन के नए दौर को बाधित करना था.
उन्होंने बताया कि सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन सिंदूर और ऑपरेशन महादेव के तहत तीनों आतंकियों को मार गिराया. शाह के अनुसार, यह संदेश साफ है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं करता, बल्कि आतंक की जड़ पर प्रहार करता है.
आतंक के लिए कोई जगह नहीं
अमित शाह के बयान से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि केंद्र सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है और देश की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा.
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