भारी बारिश से उत्तराखंड के मैदान से लेकर पहाड़ तक हर ओर सिर्फ तबाही के ही मंजर देखने को मिल रहे हैं।
मैदान जहां बाढ़ जैसे हालातों से जूझ रहा हैंं, वहीं पहाड़ पर अतिवृष्टि और आपदा से हालात भयावह बना हुआ है। सड़कें टूटी हैं। पहाड़ दरक रहे हैं। मोटरपुल से लेकर पुलिया इस भयावह आपदा की चपेट मे बह गये हैं। लोग डर के साये जी रहे हैं। आमजन का जीवन दुष्कर हो चला है। कुलिंग और वाण के बीच 100 मीटर से अधिक सड़क वाश आउट हो गई।
प्रशासन की मुस्तैदी और उपजिलाधिकारी थराली रविन्द्र जुवाठा के नेतृत्व में जिला आपदा रेस्क्यू फोर्स ने कड़ी मशक्कत के बाद यहां पर लोहे के पोल डालकर आवाजाही योग्य बनाया। इस घटना को लेकर एक वीडियाेे भी वायरल हो रहा है। इसेे देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि पहाड़ मे आपदा के बाद किस तरह जन सामान्य को मुसीबतो का सामना करना पड़ रहा है। कैसे ग्रामीण वाण गांव की एक गर्भवती महिला को जान जोखिम में डालकर लोहे के इन खम्भो के जरिए रास्ता पार करा रहे हैं।
वहीं वाण के जिला पंचायत सदस्य कृष्णा बिष्ट और लाटू धाम मंदिर समिति के अध्यक्ष कृष्णा बिष्ट ने बताया कि ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर जैसे तैसे महिला को अस्पताल तक पहुंचाया। ये वीडियो सोशल मीडिया तक ट्रेंड करने लगा कि पहाड़ मे आपदा के बाद किस तरह के हालात बने हुए हैं। कैसे लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही को मजबूर है।
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Source : IANS