नोएडा प्राधिकरण की 210वीं बोर्ड बैठक संपन्न हो चुकी है। इस बैठक में नोएडा के विकास को लेकर कई अहम फैसले लिए गए हैं।
बैठक में सबसे अधिक ध्यान न्यू नोएडा पर दिया गया। बैठक की अध्यक्षता यूपी के अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त एवं नोएडा प्राधिकरण के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने की। इस दौरान अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग के प्रमुख सचिव अनिल कुमार सागर, प्राधिकरण के सीईओ डॉ लोकेश एम, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी समेत तमाम अधिकारी मौजूद रहे।
बैठक में दिल्ली एनसीआर में यातायात व्यवस्था को बेहतर करने के लिए रीजनल कनेक्टिविटी बढ़ाने को सलाहकार नियुक्त करने के लिए आरएफपी आमंत्रित करने का निर्णय लिया गया है। इस काम में होने वाले खर्च को तीनों प्राधिकरण वहन करेंगे और तीनों प्राधिकरण के ही अधिकारी मिलकर निर्णय लेंगे। इसके अलावा न्यू नोएडा यानी डीएनजीआईआर क्षेत्र के ड्राफ्ट महायोजना 2041 को अनुमोदित कर दिया गया है। जन सामान्य से अब आपत्ति आमंत्रित की गई है। इसमें 40 प्रतिशत भू उपयोग उद्योगों का, 13 प्रतिशत आवासीय और 18 फीसदी ग्रीन एरिया का प्रावधान किया गया है। इतना ही नहीं, न्यू नोएडा को भरपूर जमीन देने के लिए यूपीसीडा के स्थान पर अब नोएडा प्राधिकरण को नामित भी किया गया है। बुलंदशहर के 60 गांवों को शामिल किया गया है।
नोएडा प्राधिकरण में खाली पड़े पदों पर क, ख,ग के कर्मियों को एक निश्चित अवधि के लिए रखा जाएगा। यह सभी अलग-अलग सरकारी विभागों में कार्यरत हो या फिर रिटायर हो चुके हो। इस बोर्ड बैठक में सेक्टर 42 के लेआउट प्लान को भी अनुमोदन दिया गया है, जिसमें भूखंड संख्या जीएच 1 जिसका क्षेत्रफल 60000 वर्ग मीटर है। यह भूखंड केंद्रीय कर्मचारी सहकारी गृह निर्माण समिति के लिए आरक्षित किया गया था। अब यहां 24 मीटर 12 मीटर की सड़कों के साथ 350 और 450 वर्ग मीटर के भूखंड बनाए जाएंगे। सबसे बड़ा फैसला जो लिया गया है, वह यह है कि भवन अनुज्ञा शुल्क तथा पूर्णता प्रमाणपत्र के लिए निर्धारित शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण की तरह मानचित्र स्वीकृति एवं कंपलीशन सर्टिफिकेट के लिए प्रोसेसिंग फीस को समान किया गया है। सभी मंजिलों के ढके हुए क्षेत्र पर 30 रुपये प्रति वर्ग मीटर और अभिन्यास योजना के लिए 4 हेक्टेयर तक के भूखंड के क्षेत्र के लिए 2 रुपये प्रति वर्ग मीटर और 4 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र के भूखंड के लिए 1 रुपये फीस रखी गई है। कंपलीशन सर्टिफिकेट के लिए सभी ढके हुए क्षेत्र पर 35 रुपये प्रति वर्ग मीटर और अभिन्यास योजना के लिए 4 हेक्टेयर तक के भूखंड के लिए 150 पैसे और चार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र के लिए 75 पैसे प्रति वर्ग मीटर निर्धारित किया गया है। सेक्टर 40 से भंगेल तक बन रहे एलिवेटेड रोड के लिए भी आईआईटी से रिपोर्ट के आधार पर जो प्राइस वेरिएशन है उसे अंतिम रूप दिया जाएगा तथा संशोधित बीएचक्यू के अनुसार भुगतान होगा। गंगा जल परियोजना के क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं के निदान के लिए एसीईओ की अध्यक्षता में विशेष समिति का गठन किया गया है, जो साइट पर जाकर विजिट कर अब तक किए गए काम की गुणवत्ता की जांच करने के साथ-साथ उसे निर्धारित समय में पूरा कराने की जिम्मेदारी निभाएंगे।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS