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ट्रेन-हाथियों की टक्‍कर रोकने के लिए बेहतर समन्‍वय बनाएंगे वन विभाग और रेलवे

ट्रेन-हाथियों की टक्‍कर रोकने के लिए बेहतर समन्‍वय बनाएंगे वन विभाग और रेलवे

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IANS
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310314 Guwahati

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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तेज रफ्तार ट्रेनों से टक्कर के कारण हाथियों की मौत के मामलों को रोकने के प्रयास में रेलवे और पश्चिम बंगाल सरकार हाथी गलियारों से गुजरने वाली पटरियों पर हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के संबंध में नई पहल कर रही है।

लोकोमोटिव पायलटों को हाथी गलियारों से ट्रेन ले जाने के दौरान अपनाई जाने वाली सावधानियों के बारे में जागरूक करने के लिए नियमित कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा, खासकर गति सीमा के संबंध में।

रेलवे और राज्य वन विभाग के अधिकारियों के बीच यदि संभव हो तो हर तिमाही समन्वय बैठकें होंगी। संबंधित अधिकारियों के संज्ञान में आया है कि दोनों विभागों के अधिकारियों के बीच आखिरी समन्वय बैठक एक साल पहले हुई थी। विभागों के अधिकारियों के बीच एक तरह की जिम्मेदारी तय करने की कवायद शुरू हो चुकी है कि कौन सा विभाग बैठकों के आयोजन के लिए जिम्‍मेदार है।

एक ओर, राज्य विभाग ने दावा किया है कि रेलवे को ऐसी समन्वय बैठकें बुलानी चाहिए क्योंकि रेलवे हाथी गलियारों से गुजरने वाली पटरियों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार है।

दूसरी ओर रेलवे अधिकारियों का दावा है कि उन्हें तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करनी है और क्षेत्र में बेहतर विशेषज्ञता के साथ वन विभाग को इस संबंध में जमीनी स्तर पर अभ्यास करना है।

हाल ही में, रेलवे विभाग ने इस तरह के टकरावों से सर्वोत्तम संभव सीमा तक बचने के लिए हाथयिों की आवाजाही का पता लगाने वाली प्रणाली शुरू करने और स्थापित करने के लिए 77 करोड़ रुपये की भारी राशि मंजूर की है।

रेलवे के चार डिवीजनों, जहां इस तरह की टक्करों की सबसे अधिक संभावना है, अलीपुरद्वार, रंगिया, लुमडिंग और कटिहार के लिए 77 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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