उत्तराखंड वन विकास निगम के बर्खास्त 309 आउटसोर्स कर्मचारियों को 24 घंटे में ही बहाल कर दिया गया। मुख्यमंत्री धामी के सख्त रुख के बाद एमडी ने गुरुवार को हटाए गए सभी आउटसोर्स कर्मचारियों की बहाली का आदेश जारी कर दिया।
बर्खास्तगी का आदेश पहुंचते ही विरोध शुरू हो गया था। और ये बात सीएम धामी तक पहुंच गई थी। उत्तराखंड वन विकास निगम के बर्खास्त 309 आउटसोर्स कर्मचारियों को 24 घंटे में ही गुरुवार को फिर से बहाल कर दिया गया। सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले बुधवार को प्रबंध निदेशक केएम राव ने सभी आउटसोर्स कर्मियों की नियुक्तियों पर सवाल उठाते हुए बर्खास्त कर दिया था।
लेकिन सेवानिवृत्ति के दिन उन्होंने अपना आदेश पलटते हुए फिर से कर्मियों की सेवा को यथावत रखने का आदेश जारी कर दिया। बुधवार रात को एमडी की ओर से निगम के समस्त महाप्रबंधक, क्षेत्रीय प्रबंधक व प्रभागीय प्रबंधक को पत्र भेजकर 17 दिसंबर 2022 के बाद आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्त 309 कर्मचारियों की पहली सितंबर 2023 से सेवा समाप्त करने का पत्र जारी कर दिया गया।
पत्र में आउटसोर्स कर्मचारियों की 48 अलग-अलग पत्रांक व दिनांक पर नियुक्त कार्मिकों की संख्या की जानकारी दी गई थी। इसमें सर्वाधिक 10 मई 2023 को नियुक्त 61 सहित 20 जून को नियुक्त 17, 31 मई को नियुक्त 30, 10 मई को ही दूसरे पत्रांक से 71, 27 मई को आठ, 12 जुलाई को 16, 27 जून को 10 कर्मचारी भी शामिल थे। अन्य तिथियों में भी एक या एक से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति की गई थी।
एमडी का आदेश जैसे ही कर्मचारियों तक पहुंचा तो विरोध शुरू हो गया। सूत्रों के अनुसार कर्मचारियों ने मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर वन विकास निगम अध्यक्ष कैलाश गहतोड़ी तक को जानकारी दी।
मुख्यमंत्री के सख्त रुख के बाद एमडी ने गुरुवार को हटाए गए सभी आउटसोर्स कर्मचारियों की बहाली का आदेश जारी कर दिया। बहाली के आदेश में अब बताया गया है कि आउटसोर्स से योजित कार्मिकों की सेवाएं समाप्त करने से निगम के कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। निगम में नियमित कार्मिकों के अधिक संख्या में सेवानिवृत्त होने के बाद कार्यों के सुचारू संचालन के लिए वाह्य सेवा कार्मिकों की नितांत आवश्यकता है। स्मिता,आईएएनएस
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Source : IANS