“मैं अभी नर्सिंग के अंतिम वर्ष में हूं. नर्सिंग के बाद विदेश में काम करने के कई अवसर होते हैं, लेकिन पीएम मोदी को देखा, तब से राजनीतिक क्षेत्र में रुचि पैदा होने लगी. अब ग्रामीणजनों के आशीर्वाद से मुझे सेवा का यह अवसर मिला है, तो हमारे गांव को अधिक विकसित करने के लिए कार्य करूंगी.” ये शब्द हैं मेहसाणा की विसनगर तहसील के कड़ा गांव की नवनिर्वाचित सरपंच खुशालीबेन कानजीभाई रबारी के हैं. 24 वर्षीय खुशालीबेन ने हाल ही में हुए ग्राम पंचायत चुनाव में 1320 मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की है. अब वे गांव में बुनियादी सुविधाओं में वृद्धि करने तथा अन्य विकास कार्यों से ग्रामजनों की सेवा करने के लिए तत्पर हैं.
खुशालीबेन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में 2003 से शुरू कराए गए शाला प्रवेशोत्सव-कन्या केळवणी महोत्सव कार्यक्रम की साक्षी रही हैं. वर्ष 2006 में उन्होंने इस कार्यक्रम अंतर्गत गांव के प्राथमिक विद्यालय में प्रवेश लिया था. अब वे सरपंच के रूप में 27 जून, 2025 को शाला प्रवेशोत्सव कार्यक्रम के तहत बच्चों को शाला में प्रवेश दिलाएंगी.
पीएम मोदी को देखकर मन किया नेतृत्व करना चाहिए
खुशालीबेन हाल में विसनगर के सांकळचंद पटेल विश्वविद्यालय (एस. के. यूनिवर्सिटी) में अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रही हैं. नर्सिंग के बाद विदेश में नौकरी के अधिक अवसर होने के कारण वे विदेश जाने के बारे में सोच रही थीं, परंतु बाद में उनका झुकाव नेतृत्व की ओर होने लगा. वे राजनीतिक क्षेत्र में श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व से प्रेरणा ले रही हैं. उन्होंने कहा, “मैंने गांधीनगर तथा अहमदाबाद में अलग-अलग कार्यक्रमों में पीएम मोदी को प्रत्यक्ष देखा था. उनकी अगुवाई से प्रेरणा मिलती है और उनके कारण मुझे भी नेतृत्व करने में रुचि जागी.
माता-पिता समेत दो छोटे भाई हैं
अब गांव में सड़क, मार्ग तथा विकास के अन्य कार्यों से लोगों की सेवा करने की इच्छा है. जो भी छोटी-बड़ी समस्याएं हैं, उनका निवारण करने के लिए हम काम करेंगे.” खुशालीबेन के परिवार में उनके माता-पिता समेत दो छोटे भाई हैं. उन्हें कम आयु में सरपंच पद का दायित्व मिलने से उनके परिजनों तथा मित्रों में हर्ष एवं गौरव की अनुभूति है. उनकी यह सफलता गांव की महिलाओं के लिए प्रेरणादायक उदाहरण बनी है.