कर्नाटक बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने सत्तारूढ़ दल कांग्रेस के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। विजयेंद्र ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर यह सरकार इसी रवैये के साथ काम करती रही, तो आगामी दिनों में सूबे की जनता त्राहि-त्राहि करेगी, इसलिए हमने सड़क पर आकर सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का मन बनाया है।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान बीवाई विजयेंद्र ने कहा, “यह सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है। सीटिंग एमपी को बीते दिनों ईडी ने जिस तरह से भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया है, उससे यह साफ जाहिर होता है कि यह सरकार किस तरह से भ्रष्टाचार के गर्त में डूबी हुई है। इस सरकार की कार्यशैली से यह साफ जाहिर हो रहा है कि इसे जनता के हितों से कोई लेना-देना नहीं है, इसलिए आज हमने सड़क पर आकर विरोध प्रदर्शन का फैसला किया है, ताकि इसके काले कारनामों के बारे में सभी को बता सकें। इस सरकार के काले कारनामे किसी से छुपे नहीं हैं। यह सरकार जनता के बीच एक्सपोज हो चुकी है। इन लोगों ने जनता के पैसों को लूटा है। दलित समुदाय के विकास में इस्तेमाल होने वाले पैसों को इन लोगों ने लूटने का काम किया है। इससे स्पष्ट है कि यह सरकार कितना नीचे गिर चुकी है।“
उन्होंने कर्नाटक के सीएम को आड़े हाथों लेते हुए कहा, “सिद्धारमैया को इन सभी सवालों का जवाब देना चाहिए कि आखिर उनकी अगुवाई में यह क्यों हो रहा है। चुनाव से पहले तो इन लोगों ने बड़े-बड़े वादे और दावे किए थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद यह लोग पूरी तरह खोखले हो चुके हैं। हमारी मांग है कि इनके काले कारनामों की सीबीआई जांच हो, ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। इन लोगों को जनता के हितों से कोई लेना देना नहीं है। यह लोग सिर्फ और सिर्फ अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के प्रयास में जुटे रहते हैं, लेकिन इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है। सिद्धारमैया ने अपनी कार्यशैली से साफ कर दिया है कि वो इस सरकार को चलाने की स्थिति में नहीं हैं। ऐसी स्थिति में अब उन्हें जितनी जल्दी हो सकें, उतनी जल्दी इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि अगर ऐसे लोगों के हाथों में सत्ता की कमान रहेगी, तो ये लोग राज्य का बेड़ा गर्क कर देंगे।”
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री नाटकबाजी कर रहे हैं। वह निजी क्षेत्रों में कन्नड लोगों के लिए आरक्षण को लेकर संजीदा नहीं हैं। अगर होते तो शायद ऐसा कदम नहीं उठाते। यह गंभीर मुद्दा है, इसका जल्द से जल्द समाधान होना चाहिए, लेकिन उससे पहले सभी हितधारकों की सलाह लेनी चाहिए। सभी लोगों को आत्मविश्वास में होना चाहिए। मुझे लगता है कि जल्दबाजी में किसी को भी कोई भी कदम नहीं उठाना चाहिए। अगर हम जल्दबाजी में कोई कदम उठाते हैं, तो बहुत संभव है कि हमें इसके गंभीर परिणाम देखने को मिले। कुल मिलाकर मुझे नहीं लगता है कि आरक्षण जैसे गंभीर मुद्दे को लेकर वो तनिक भी गंभीर हैं।”
बीजेपी नेता ने कहा, “जहां तक कन्नड़ लोगों के हितों का सवाल है, तो मुझे लगता है कि मौजूदा सरकार को कन्नड़ लोगों के हितों के बारे में सोचना चाहिए, लेकिन उससे पहले सभी हितधारकों को विश्वास में लेना होगा, तभी जाकर कोई कदम उठाना होगा, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि बिना किसी को विश्वास में लिए ही कदम उठाया जा रहा है, जो उचित नहीं है।”
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा, “मुझे उम्मीद है कि जिस तरह से हमने मौजूदा सरकार की कार्यशैली के खिलाफ सड़क पर आने का मन बनाया है, उसे देखते हुए शायद सरकार पर दबाव बढ़े और वो व्यवस्था को फिर से बनाने का प्रयास करे। लेकिन मैं फिर कहना चाहता हूं कि अगर यह सरकार जनता के हितों को लेकर काम करने में विफल रहती है, तो मुख्यमंत्री को फौरन इस्तीफा देना चाहिए।”
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Source : IANS