मध्य प्रदेश में राजस्व संबंधी मामलों के निपटारे के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि इस अभियान से उन पात्र परिवारों को भी योजनाओं का लाभ मिलेगा, जो राजस्व त्रुटि के कारण लाभ से वंचित हैं।
सीएम मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश में 18 जुलाई से 31 अगस्त तक राजस्व अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान से उन लोगों को लाभ होगा, जो राजस्व की त्रुटि के चलते योजनाओं का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। इस अभियान के जरिए राजस्व के रिकॉर्ड में सुधार किया जा रहा है। मेरी जानकारी में आया है कि किसान सम्मान निधि के बहुत सारे मामले लंबित रह गए हैं, समग्र आईडी सहित अन्य त्रुटि के कारण बहुत से नाम छूटे हुए हैं। ऐसे लोगों के नाम इस अभियान के जरिए जोड़े जाएंगे।
उन्होंने कहा कि किसानों की सुविधा और लंबित राजस्व प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण सुनिश्चित करने के लिए 18 जुलाई से 31 अगस्त तक राजस्व महाअभियान- 2.0 संचालित किया जा रहा है। किसानों और आमजन की सहूलियत के लिए पटवारी और मैदानी अमला मुख्यालय पर मौजूद रहेंगे और अपने दायित्वों का निर्वहन करेंगे। अभियान के तहत डिजिटल क्रॉप सर्वेक्षण भी किया जाएगा।
राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा ने बताया कि 30 दिन में अविवादित नामांतरण प्रकरणों और 150 दिन में विवादित नामांतरण प्रकरणों का निराकरण किया जाएगा। बंटवारा प्रकरणों के निराकरण की समय सीमा 90 दिन है। सीमांकन प्रकरणों को 45 दिन में निराकरण करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही नक्शे में तरमीम का कार्य सतत जारी रहेगा।
उन्होंने आगे कहा कि इस पूरे अभियान के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा। राजस्व महा अभियान 2.0 में 30 जून 2024 की स्थिति में लंबित नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरुस्ती और सीमांकन के प्रकरणों के निराकरण का लक्ष्य रखा गया है। इनमें नामांतरण के 75 हजार 964, बंटवारा के 9 हजार 897, अभिलेख दुरुस्ती के 9 हजार 889 और सीमांकन के 25 हजार 423 प्रकरण शामिल हैं। इसके साथ ही 30 जून 2024 की स्थिति में एक करोड़ 95 लाख 45 हजार नक्शे पर तरमीम के लंबित मामलों को भी दर्ज किया जाएगा।
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Source : IANS