एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश पुलिस की आलोचना की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस के आदेश के अनुसार, अब हर खाने वाली दुकान या ठेले के मालिक को अपना नाम बोर्ड पर लगाना होगा, ताकि कोई कांवड़िया गलती से मुसलमान की दुकान से कुछ न खरीद ले।
ओवैसी ने इसकी तुलना दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद और जर्मनी में हिटलर के तानाशाही फैसले से करते हुए कहा कि इसे दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद कहा जाता था और हिटलर की जर्मनी में इसका नाम जूडेनबॉयकॉट था।
ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पुलिस अधिकारी के कावड़ यात्रा की तैयारी के वीडियो पर रिप्लाई करते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी।
असदुद्दीन ओवैसी हैदराबाद से लोकसभा सांसद हैं। ओवैसी ने जिस वीडियो पर रिप्लाई दिया है, उसमें एक पुलिस अधिकारी कह रहा है कि कावड़ यात्रा की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और हमारे जनपद में लगभग 240 किलोमीटर का कावड़ मार्ग है। इस मार्ग में होटल, ढाबे और ठेले वालों से कहा गया है कि वह दुकान के मालिक और वहां काम करने वालों के नाम जरूर प्रदर्शित करें।
उन्होंने कहा कि यह फैसला कावड़ियों में किसी भी प्रकार से कंफ्यूजन से बचने के लिए लिया गया है, ताकि किसी प्रकार का आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू न हो और कानून-व्यवस्था बनी रहे। इसलिए इसका निर्देश दिया गया है और सब इसका स्वेच्छा से पालन कर रहे हैं।
बता दें, कावड़ यात्रा के दौरान दिल्ली, पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा के मार्ग पर बड़ी संख्या में कांवड़िये यात्रा करते हैं। हर वर्ष सावन के महीने में भगवान शिव के भक्त गंगा तट पर जाते हैं। इस दौरान सात्विक भोजन करने पर विशेष तौर पर ध्यान दिया जाता है। यह यात्रा अक्सर नंगे पैर ही की जाती है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS