उत्तर प्रदेश के नोएडा में नैनीताल बैंक में साइबर ठगी के मामले में नया खुलासा हुआ है। सर्वर को हैक कर उड़ाई गई 16 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम जिन 84 अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर की गई थी, जांच में पता चला है कि वे सभी खाते कई राज्यों में खोले गये थे। बैंक के आईटी विभाग के मैनेजर ने मामले में मुकदमा दर्ज करवाया है।
जांच में पता चला है कि ये फर्जी खाते पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित अन्य जगहों पर खुले थे। साइबर ठगों ने 16.50 करोड़ रुपए आरटीजीएस कर बैंक को चपत लगाई है। इस मामले में जांच के लिए साइबर क्राइम ने दो टीमों का गठन किया है जो हर बारीक पहलू को खंगाल रही हैं। इस मामले में अब बैंक के खाते किराए पर देने वाला गैंग साइबर क्राइम थाने के निशाने पर है। उनके डाटा जुटाए जा रहे हैं और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस के मुताबिक, इस मामले में सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं। साथ ही केंद्रीय एजेंसियां और आरबीआई भी जांच में जुटी हुई है। आरबीआई की जांच में डिजिटल हस्ताक्षर का भी मिलान हुआ है। पुलिस के मुताबिक, जल्द ही इस मामले में खुलासा कर दिया जाएगा।
दरअसल सेक्टर 62 स्थित नैनीताल बैंक के आईटी मैनेजर सुमित कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया है कि 17 जून को आरटीजीएस खाते के नियमित समाधान के दौरान बैलेंस शीट में करीब 3.61 करोड़ रुपए का अंतर पाया गया था। इसके बाद आरटीजीएस टीम ने स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम सर्वर के साथ कोर बैंकिंग सिस्टम में लेनदेन की जांच की थी। जब 18 जून को फिर से जांच की गई तब भी बैलेंस शीट में अंतर मिला है। बैंक से अब तक 16 करोड़ से ज्यादा की रकम ट्रांसफर की गई है।
गौरतलब है कि अभी तक साइबर ठग लोगों को अलग-अलग माध्यम से अपना निशाना बनाते आए थे। लेकिन अब बैंक के सर्वर को हैक कर 16 करोड़ से ज्यादा की रकम उड़ा लेना अपने-आप में एक बड़ा मामला है। पुलिस टीम के लिए भी यह बड़ी चुनौती मानी जा रही है।
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Source : IANS