पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने एक हफ्ते के भीतर शंभू बॉर्डर खोलने को लेकर हरियाणा सरकार को आदेश दिया है। इसको लेकर सियासत गर्मा गई है।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार को आदेश मानना चाहिए और अब मानना पड़ेगा। मैने पहले भी राय दी थी कि आंदोलनकारियों से बात करो। रास्ता इलाके की जरूरत भी है, अब बॉर्डर को खोलना चाहिए। हरियाणा सरकार ने दीवार खड़ी की है। सरकार अब दीवार हटाएगी और उसके बाद किसान रास्ता रोकेंगे तो वो दोषी होंगे।
किसान दोषी तब होंगे, जब वो कानून तोड़ेंगे, अभी तो सरकार ने कानून तोड़ा है। कोर्ट ने आदेश दिया है कि सड़क खाली करवाओ। अगर सरकार की तरफ से दीवार हटाने के बाद किसान बाधा बनते हैं, तो किसानों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अगर हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी किसान बैठे रहेंगे, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी। आम पब्लिक को इससे काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है।
उन्होंने कहा कि जो आंदोलनकारी हैं, वो हमारा साथ नहीं लेना चाहते। वो चाहते हैं कि हम राजनीति न करें, चुनाव न लड़ें, इसलिए वो हमारा समर्थन नहीं लेना चाहते। हमने साफ कह दिया है कि हम राजनीति करेंगे।
आंदोलनकारियों के दिल्ली जाने वाले सवाल पर चढूनी ने कहा कि वो तब की बात है, जब वो आएंगे, मुझे नहीं लगता वो दिल्ली जा पाएंगे। सरकार के पास रोकने के और भी तरीके होंगे।
चुनाव पर बोलते हुए चढूनी ने कहा कि संयुक्त संघर्ष पार्टी से हम चुनाव लडेंगे और पार्टी को आगे बढ़ाएंगे। मौजूदा राजनीति गंदी हो चुकी है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या आप अभय चौटाला के साथ जाएंगे, तो उन्होंने कहा कि इस पर बात नहीं हुई है। मैं चुनाव लडूंगा और पेहवा से चुनाव लडूंगा, वहां पर दौरे शुरू कर दिए हैं, दफ्तर के लिए जगह देख रहे हैं। लोकसभा चुनाव में दीपेंद्र हुड्डा ने वादा किया था कि वो कुरुक्षेत्र की सीट किसान यूनियन को देंगे, पर बाद में वो मुकर गए थे।
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Source : IANS