चंपई सोरेन की जगह हेमंत सोरेन को फिर से झारखंड का सीएम बनाने के फैसले पर भाजपा नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है।
असम के सीएम और झारखंड भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा, झारखंड में जेएमएम और कांग्रेस पार्टी द्वारा एक वरिष्ठ आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री पद से हटाना बेहद दुखद है। मुझे पूरा विश्वास है कि झारखंड की जनता इस कार्रवाई की कड़ी निंदा करेगी और इसे दृढ़ता से खारिज करेगी।
झारखंड प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा, शिबू सोरेन का परिवार अपने परिवार से बाहर के किसी भी आदिवासी को सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करता है। अपना काम निकालने के बाद वे किसी को भी दूध की मक्खी की तरह उठाकर बाहर कर देते हैं। इस बार भी यही हुआ है। चंपई सोरेन को हटाए जाने से झामुमो का असली परिवारवादी चेहरा एक बार फिर सामने आ गया है।
मरांडी ने कहा कि सोरेन परिवार ने सीएम चंपई सोरेन को बार-बार अपमानित किया है। विधायक दल की बैठक में भी उन्हें किनारे की कुर्सी पर बिठाया गया, जबकि वे सीएम के तौर पर विधायक दल के नेता हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान हुए इंडिया अलायंस की रैली में भी चंपई को मंच पर किनारे कर दिया गया। जबकि, कल्पना सोरेन पार्टी में कोई पद नहीं होने के बावजूद मंच पर बीच में बैठी रहीं। चंपई सोरेन जब भाषण दे रहे थे, तब झामुमो नेता मंच से उठकर निकलने लगे थे।
उन्होंने कहा कि झामुमो के आदिवासी नेताओं को यह समझ में आ जाना चाहिए कि उनकी भूमिका केवल शिबू सोरेन परिवार की पालकी ढोने की होती है। चंपई सोरेन चूंकि उस परिवार के नहीं हैं, इसलिए उन्हें इस्तीफा दिलवाया जा रहा है। कोल्हान का टाइगर कहलाने वाले चंपई सोरेन आज चूहा बन गए हैं।
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Source : IANS