झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य के संथाल परगना इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठियों को चिन्हित कर उन्हें वापस भेजने को कहा है। कोर्ट ने संथाल परगना के सभी पांच जिलों के उपायुक्तों को इसके लिए तत्काल कार्रवाई शुरू करने और इस संबंध में दो हफ्ते में शपथ पत्र दायर करने का आदेश दिया है।
राज्य के मुख्य सचिव को भी इस कार्रवाई पर खुद से निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।
कोर्ट ने संथाल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण वहां की डेमोग्रोफी पर पड़ रहे कुप्रभाव को लेकर डेनियल दानिश नामक शख्स की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए बुधवार को यह निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिए आपकी जमीन पर रह रहे हैं एवं तमाम सुविधाएं उठा रहे हैं। यह किसी राज्य या जिले का मुद्दा नहीं है, बल्कि, देश का मुद्दा है। विदेशी घुसपैठियों को भारत में प्रवेश करने से हर हाल में रोकना होगा। उन्हें चिन्हित करना होगा और उन्हें वापस बांग्लादेश भेजना होगा।
कोर्ट ने देवघर, दुमका, गोड्डा, साहिबगंज, पाकुड़ और जामताड़ा के उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वे दो हफ्ते के भीतर बताएं कि इस दिशा में क्या कार्रवाई हुई।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से बताया गया कि झारखंड के छह जिलों में अवैध प्रवासियों की संख्या बढ़ती जा रही है। इनकी वजह से यहां की ट्राइबल आबादी सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है। इन जिलों में बड़ी संख्या में मदरसे स्थापित किए जा रहे हैं। घुसपैठ कर आए लोग स्थानीय जनजातियों के साथ वैवाहिक संबंध बनाकर डेमोग्राफी को बुरी तरह प्रभावित कर रहे हैं। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 18 जुलाई की तारीख मुकर्रर की है।
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Source : IANS