केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने टोल टैक्स को लेकर एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने ऐलान किया कि, अब जितना सफर, उतना ही टोल देना होगा। केंद्रीय मंत्री के मुताबिक तीन महीने में यह नई व्यवस्था शुरू हो जाएगी। मंगलवार को दिल्ली में आयोजित एनडीटीवी इंफ्रा शक्ति कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बात कही।
एनडीटीवी ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में हुए डेवलपमेंट को लेकर इंफ्रा शक्ति अवार्ड का आयोजन किया। इसका उद्देश्य भारत के उत्कृष्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का जश्न मनाना है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने परिवहन को लेकर एक रोडमैप पेश किया।
वहीं, कार्यक्रम में पहुंचे केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि अगर आप हरित ऊर्जा व जैव ईंधन को देखें तो हमने 15 प्रतिशत का परिवर्तन किया है। हमने 15 प्रतिशत जैव ईंधन सम्मिश्रण किया है। उन्होंने कहा कि हम समस्याओं का समाधान कर रहे हैं।
गौरतलब है कि भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए मोदी सरकार लगातार कोशिशें कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में देश ने 10 साल में इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में कई उपलब्धियां हासिल की। ऊर्जा, सड़क, शहरी बुनियादी ढांचा, रेलवे, एयरपोर्ट जैसे सेक्टरों में मोदी सरकार ने इस साल ऐसे प्रोजेक्ट शुरू किए, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर का कायाकल्प हुआ।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि तीन महीने में जीपीएस और सैटेलाइट बेस्ड टोल सिस्टम का पहला फेज शुरू हो जाएगा। एनडीटीवी के इस कार्यक्रम चर्चा करते हुए नितिन गडकरी ने बताया कि तीसरे टर्म में मोदी सरकार देश के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कई पहल करने जा रही है। उन्होंने कहा कि फिलहाल सबसे बड़ी समस्या प्रदूषण की है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और भूमि प्रदूषण। मंत्री ने कहा कि अभी पहला कदम प्रदूषण को कम करना है। दिल्ली को लेकर उन्होंने कहा कि प्रदूषण कम करने के लिए दिल्ली में ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक बसें चलाई जाएंगी।
नितिन गडकरी ने बताया कि ये बसें प्रदूषण रहित होने के साथ-साथ कॉस्ट इफेक्टिव भी रहेंगी। उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रिक टैक्सी को भी प्रमोट किया जा रहा है। गडकरी ने कहा कि वाहन 120 रुपये का पेट्रोल डालने के बजाय 65 रुपये के एथेनॉल पर चलेंगे, तो इससे बचत होगा ही। एथेनॉल को इलेक्ट्रिक व्हीकल को चलाने के लिए एक विकल्प के रूप में माना जा रहा है, जो ग्रिड से बिजली की जगह लेगा और लिथियम बैटरी को रिचार्ज करने के लिए प्लगइन सिस्टम की जरूरत को भी खत्म करेगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि वे बायो फ्यूल को लेकर बड़े फॉर्मेट पर जाएंगे। उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट कॉस्ट को भी सस्ता करना है। भारत सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी से हम डीजल बस के खर्च को 40 प्रतिशत तक कम कर सकते हैं। गडकरी ने बताया कि नागपुर में हम एक पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर रहे हैं। यहां टाटा ग्रुप के साथ यह प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जब वह यूगोस्लाविया गए थे, तो वहां उन्होंने एक ट्रॉली बस देखी। यह तीन बसों को जोड़कर बनाई गई थी और इसमें एक साथ 132 लोग बैठ सकते हैं। ऐसा ही पायलट प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है। टाटा ने हिताची के साथ डील की है। नितिन गडकरी ने कहा कि हमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट को सस्ता करना है।
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Source : IANS