Advertisment

आपराधिक कानून के भारतीयकरण से आम जनता को होगा फायदा : मोहम्मद अमीर नकवी

आपराधिक कानून के भारतीयकरण से आम जनता को होगा फायदा : मोहम्मद अमीर नकवी

author-image
IANS
New Update
--20240701141943

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

Advertisment

देशभर में तीन नये आपराधिक कानून -- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य सोमवार से लागू हो गए हैं।

नये आपराधिक कानून लागू होने को लेकर लखनऊ के वरिष्ठ वकील मोहम्मद अमीर नकवी ने कहा कि इस देश को इस कानून की आवश्यकता बहुत ज्यादा थी। अभी तक ये राष्ट्र दण्ड विधान पर चल रहा था। अभी तक जो भी आपराधिक कानून था, वो अंग्रेजों की ओर से बनाया गया था। अभी तक जो कानून था, मुझे नहीं लगता कि वो 140 करोड़ जनता के लिए न्याय कर पाता। इस न्याय विधान की सबसे ज्यादा जरूरत है। आज वो आया है।

अमीर नकवी ने आगे कहा कि हमारे देश में कानून-व्यवस्था में सबसे बड़ी समस्या केस का लंबित होना है। अलग-अलग न्यायालयों में पांच करोड़ से ज्यादा केस लंबित हैं। पुरानी व्यवस्था के तहत न्यायिक प्रक्रिया में लंबा वक्त लगता था। अब नए कानून के जरिये हम डिजिटल तरीके से देश की न्याय प्रणाली में हिस्सेदार बनेंगे। नये कानून के जरिए इलेक्ट्रॉनिक समन भेज सकते हैं। मैसेज और ईमेल भी भेज सकते हैं। कानून में संशोधन होने से लोगों को सहूलियत भी मिलेगी।

पहले 511 सेक्शन होते थे। बहुत सारे ऐसे सेक्शन थे, जिसकी जरूरत नहीं थी। उनको मर्ज कर दिया या हटा दिया गया है। अब करीब-करीब 350 सेक्शन नए कानून में रखे गए है। बालिकाओं के साथ गैंगरेप पर फांसी तक की सजा होगी। कोई भी देश भारत में निवेश करेगा तो वह देखेगा कि यहां की कानून-व्यवस्था कैसी है। मेरा मानना है कि इन कानूनों से देश को लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि हमारी न्याय प्रणाली बहुत अच्छी है और हमेशा से बहुत सक्षम है। नये कानून से जल्दी न्याय मिलेगा और जल्दी निर्णय होगे। सबसे अच्छी बात यह है कि हम बेहतर टेक्नोलॉजी के साथ न्यायिक प्रक्रिया से सीधे जुड़ेंगे। इन कानूनों के भारतीयकरण से आम जनता को राहत मिलेगी, ये बहुत पहले बन जाना चाहिए था।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

Advertisment
Advertisment
Advertisment