भारतीय नौसेना को तीसरा 25टी बोलार्ड पुल (बीपी) टग, बजरंग सौंपा गया है। नौसेना को यह 25टी बोलार्ड पुल रियर एडमिरल डीके गोस्वामी की उपस्थिति में सौंपा गया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह टग भारत सरकार की मेक इन इंडिया पहल का एक गौरवशाली ध्वजवाहक है। वहीं भारतीय नौसेनिक जहाज रणवीर अपनी परिचालन तैनाती के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में बांग्लादेश के चटगांव पहुंच गया है।
टगों की उपलब्धता नौसेना के जहाजों और पनडुब्बियों को बांधने और खड़ा करने तथा बंदरगाह से रवाना करने, मोड़ने और सीमित जल में युद्धाभ्यास के दौरान सहायता की सुविधा प्रदान करके भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को गति प्रदान करेगी। भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत पहल के अनुरूप, तीन 25टी बीपी टग के निर्माण और डिलीवरी के लिए शॉफ्ट शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड (मेसर्स एसएसपीएल) के साथ अनुबंध किया गया था।
वहीं भारतीय नौसैनिक जहाज रणवीर अपनी परिचालन तैनाती के एक महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में बांग्लादेश के चटगांव पहुंच गया है। यह पूर्वी नौसेना कमान के नियंत्रण में सेवाएं देने वाला पूर्वी बेड़े का नौसैनिक जहाज है। इस युद्धपोत का बांग्लादेश की नौसेना द्वारा गर्मजोशी से स्वागत किया गया। आईएनएस रणवीर की यह यात्रा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के 21-22 जून को भारत के राजकीय दौरे के ठीक बाद हुई है। इस यात्रा के दौरान भारतीय और बांग्लादेशी नौसेना के कर्मी विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञों का आदान-प्रदान करेंगे। एक-दूसरे के जहाज पर क्रॉस-डेक दौरे, सामुदायिक कार्यक्रम और मैत्रीपूर्ण खेल आयोजनों सहित व्यापक नौसैन्य गतिविधियों पर आधारित बातचीत में शामिल होंगे।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं व राष्ट्रों के बीच आपसी सहयोग एवं समुद्री संबंधों को और भी सशक्त बनाना है। आईएनएस रणवीर बांग्लादेश की नौसेना के जहाजों के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास में भी भाग लेगा।
यह यात्रा भारत सरकार के समुद्री क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास पर मुख्य रूप से ध्यान देने के साथ जुड़ी हुई कई गतिविधियों एवं कार्यक्रमों के माध्यम से दीर्घकालिक मित्रता, सहयोग और साथ ही दोनों देशों के बीच मजबूत सहभागिता वाली स्थिति को और सशक्त करेगी।
आईएनएस रणवीर राजपूत श्रेणी का एक निर्देशित मिसाइल विध्वंसक युद्धपोत है, जिसे अत्याधुनिक हथियारों और सेंसरों के साथ उन्नत बनाया गया है। इसमें इस्तेमाल की गई अधिकांश हथियार प्रणालियां स्वदेशी हैं।
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Source : IANS