एक जुलाई से देश में तीन नए आपराधिक कानून लागू होंगे। नए आपराधिक कानून के लागू होने को लेकर उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर और भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी की प्रतिक्रिया सामने आई है।
उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि सोमवार से जो तीन कानून लागू हो रहे हैं, इन्हें बहुत पहले ही लागू हो जाना चाहिए था। ब्रिटिश काल से जो कानून लागू थे, वो न जाने किन परिस्थितियों में बनाए गए। मैं समझता हूं कि सरकार ने जो फैसला लिया है, उसके अनुकरण के क्रम में इसका स्वागत होना चाहिए।
भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि लंबे समय से अधिवक्ता समाज कानून में सुधार की मांग कर रहा था। जो कानून बदले जा रहे हैं, उन्हें अंग्रेजों ने बनाया था। अंग्रेजों के शासनकाल में लागू कानून में कई ऐसे प्रावधान थे, जिन्हें चुस्त-दुरुस्त करने की आवश्यकता थी।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने गुलामी की मानसिकता को हटाकर देश में नए कानून लागू किए हैं। ये नए कानून न्याय के क्षेत्र में लोगों को सरलता उपलब्ध कराएंगे और लोगों का कानून पर भरोसा बढ़ेगा। इससे न्याय मिलना आसान होगा।
बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लागू तीनों नए कानून ब्रिटिश काल की भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे।
सोमवार से लागू होने वाले नए कानून को भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) के नाम से जाना जाएगा।
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Source : IANS