मध्य प्रदेश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के तहत तीन आवेदकों को गुरुवार को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने गुरुवार को मंत्रालय में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के अंतर्गत मध्य प्रदेश राज्य के प्रथम तीन आवेदकों को भारतीय नागरिकता प्रमाण पत्र प्रदान कर शासन की तरफ से उनका स्वागत किया।
सीएए के अंतर्गत पहले आवेदक समीर सेलवानी और संजना सेलवानी के पिता पाकिस्तान में रह रहे थे। 2012 से ये भारत में रह रहे हैं। इन्होंने सीएए के अंतर्गत मई में आवेदन किया था। तीसरी आवेदक राखी दास बांग्लादेश से हैं। इन्हें भी भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संबंधी कठिनाई का निराकरण कर, एक ऐसा रिश्ता पुनर्स्थापित करने का प्रयास किया, जो अखंड भारत की याद दिलाता है। 1947 के पहले तत्कालीन सरकार द्वारा जो निर्णय किया गया था कि हम अपने देश में सभी अल्पसंख्यकों की रक्षा और उनकी चिंता करेंगे, इस भरोसे से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई, पारसी भारत के पूर्व के हिस्से बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में रह गए थे। काल के प्रवाह में उनको भारत में आने से मना कर दिया गया। उन पर प्रतिबंध लगा दिया गया और उन्हें विदेशी माना गया। जबकि, ये मूल रूप से विदेशी नहीं थे। ये उस अखंड भारत के हिस्से थे।
उन्होंने कहा कि सीएए से हमारे परिवार के लोग हमारे पास आ रहे हैं। ये अपने धर्म को बचाने के लिए अपने मूल देश में आ रहे हैं। अगर वहां ये धर्म बदल लेते तो वहीं रह सकते थे। मध्य प्रदेश में जो भी आएगा, उन सभी का स्वागत करेंगे। उनकी शासन पूरी मदद करेगा।
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Source : IANS