मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव में करारी हार से कांग्रेस चिंतित है। आने वाले दिनों में पार्टी के नेता हार के कारणों की खोज में लगने वाले हैं।
राज्य में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 29 में से एक भी सीट नहीं जीत सकी। पार्टी 27 सीटों पर मुकाबले में थी। आपसी समझौते के तहत खजुराहो सीट समाजवादी पार्टी के खाते में गई थी। वहीं, इंदौर से कांग्रेस उम्मीदवार ने नामांकन वापस ले लिया था। शेष 27 सीटों पर कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था।
पार्टी ने हार के कारणों की समीक्षा के लिए तीन सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है। इस कमेटी में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, ओडिशा के नेता सप्तगिरि उलाका और गुजरात के जिग्नेश मेवाणी को सदस्य बनाया गया है। तीनों मध्य प्रदेश के प्रवास पर आने वाले हैं।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि यह समिति 29 और 30 जून को वरिष्ठ नेताओं के अलावा सभी उम्मीदवारों से चर्चा करेगी। समिति यह जानने की कोशिश करेगी कि आखिर चुनाव में कमी क्या और कहां रह गई। पार्टी के पदाधिकारियों से लेकर विधायकों और अन्य नेताओं ने चुनाव के दौरान किस तरह की भूमिका निभाई। समीक्षा पूरी करने के बाद समिति अपनी रिपोर्ट पार्टी हाईकमान को सौंपेगी और उस आधार पर आगे की कार्रवाई भी संभावित है।
राज्य में पहली बार ऐसा हुआ है जब कांग्रेस एक भी लोकसभा सीट पर जीत हासिल नहीं कर सकी है। भाजपा ने सभी 29 सीटों पर जीत दर्ज की। कांग्रेस ने इस बार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को राजगढ़ से और छिंदवाड़ा से 2019 में इसी सीट से लोकसभा चुनाव जीतने वाले नकुलनाथ को मैदान में उतारा था। इसके अलावा कई नए चेहरों को भी पार्टी की ओर से मौका दिया गया था।
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Source : IANS