बिहार के अररिया में निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिर गया। करोड़ों की लागत से बकरा नदी पर बना कंक्रीट का पुल गिरने से कोई हताहत नहीं हुआ। इस पर राष्ट्रीय जनता दल ने सरकार पर हमला बोला है। राजद ने कहा कि एक पक्षीय कार्रवाई की गई है।
यह पुल अररिया-किशनगंज मार्ग पर जिले के सिकटी ब्लॉक में परहरिया घाट के पास बकरा नदी पर निर्माणाधीन था। 12 करोड़ की लागत से बन रहा पुल उद्घाटन से पहले ही ढह गया। 183 मीटर लंबा यह पुल जल्द ही यातायात के लिए खोला जाना था, इसका उद्देश्य अररिया और किशनगंज जिलों के बीच यात्रा के समय को कम करना और सिकटी और कुर्साकांटा ब्लॉक के निवासियों के आवागमन को आसान बनाना था।
इस घटना के सामने आने के बाद राजद हमलावर हो गई है। राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा कि सरकार दोषियों को बचा रही है और बेगुनाहों को फंसा रही है। इस हादसे को लेकर एक्सक्यूटिव इंजीनियर और सुपरिटेंडेंट इंजीनियर पर गाज गिरी है। एक पक्षीय कार्रवाई की जा रही है। मुख्य अभियंता पर कार्रवाई नहीं हुई है, क्यों नहीं हुई।
इसी बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि बिहार के अररिया जिले में जो पुल ढहा है, उसका निर्माण केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के तहत नहीं हुआ था। गडकरी ने कहा कि निर्माण की देखरेख बिहार सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी।
वहीं पीएम मोदी की ओर से नालंदा यूनिवर्सिटी के नए कैंपस का उद्घाटन किये जाने को लेकर राजद ने तंज कसा है। प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री नालंदा यूनिवर्सिटी का उद्घाटन करने नहीं आए थे, वो कैंपस का दर्शन करने आए थे। वह नारियल फोड़ रहे हैं, फीता काट रहे हैं। वो तो फोटो सेशन करवाने आए थे। नालंदा को प्रधानमंत्री मोदी क्या देंगे। देना ही था तो बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे देते। पटना यूनिवर्सिटी को केंद्रीय यूनिवर्सिटी का दर्जा दे देते।
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Source : IANS