हीटवेव इस समय पूरे उत्तर भारत में कहर बरपा रही है। ऐसी स्थिति में अस्पताल में मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है। हालात ऐसे हो गए हैं कि सिविल अस्पतालों में बेड की कमी के चलते एक बेड पर दो-दो मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर मनीष दयाल के अनुसार हीटवेव के चलते करीब 6 लोगों की मौत के मामले सामने आए हैं। इतने मामले सामने आने के बाद आम लोग दहशत में हैं ।
सिविल अस्पताल में मरने वालों के परिजनों को रोते बिलखते देखा गया। 43 वर्षीय मृतक प्रमोद शंकर के परिवार वालों ने बताया कि वह एक फैक्ट्री में काम करते थे। अचानक गर्मी से उनकी तबीयत बिगड़ी और वह बेहोश होकर गिर पड़े। उनकी ऐसी हालत देख उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।
वहीं, पुलिस अधिकारी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि कोई व्यक्ति बेसुध होकर गिर गया है। मौके पर उसके परिजन भी मौजूद थे। उसे अस्पताल लाया गया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। पुलिस ने कहा कि अभी तक मौत का कारण पता नहीं चल पाया है।
सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर मनीष दयाल ने बताया, इस भीषण गर्मी के चलते लगभग 5 से 6 डेड बॉडी यहां लाई गई हैं। इनमें से कई लोगों को विभिन्न इलाकों से पुलिस लेकर आई। उन्होंने बताया कि इस भीषण गर्मी के चलते लोग काम करते हुए चक्कर खाकर गिर रहे हैं। ऐसे में उन्होंने लोगों से गर्मी से अपना बचाव करने की अपील की।
इस गर्मी के प्रकोप से बच्चे भी बचे नहीं है। हीटवेव के चलते छोटे बच्चों को उल्टी और दस्त की शिकायत के साथ सिविल अस्पताल लाया जा रहा है। अस्पताल में बेड की कमी के चलते एक ही बेड पर दो-दो बच्चों का इलाज किया जा रहा है। वहीं इन बच्चों के अभिभावकों ने बताया कि बच्चों को गर्मी के चलते उल्टी, दस्त होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया।
अस्पताल में आए कई मरीजों ने अस्पताल में फैली अव्यवस्था के बारे में भी शिकायत की। मरीजों ने बताया कि अस्पताल में इलाज तो ठीक है लेकिन जहां तक साफ-सफाई की बात है, टॉयलेट बहुत गंदे और बदबूदार हैं।
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Source : IANS