झारखंड का लातेहार जिला नक्सलियों के खौफ के नाम से जाना जाता था। लेकिन, अब यहां की तस्वीर और तकदीर दोनों ही बदल रही है। यहां के लोग अब परंपरागत खेती छोड़ आधुनिक खेती की ओर ध्यान दे रहे हैं और अपनी आय को दोगुनी करने में लगे हैं।
इसी कड़ी में लातेहार प्रखंड में सरकार की मदद से जालिम खुर्द में पांच एकड़ में आधुनिक खेती के जरिए इंटरक्रॉपिंग के माध्यम से खेती की जा रही है। जिसमें ड्रैगन फ्रूट, मक्का, बीट, बैगन, मछली पालन, मुर्गी पालन, गाय पालन, बकरी पालन का काम किया जा रहा है।
किसानों ने बताया कि वाटर शेड के तहत ये सारी योजनाएं मिली हैं। हम लोग बहु-वर्षीय फसल कर रहे हैं, जिसमें ड्रैगन फ्रूट, स्ट्रॉबेरी भिंडी, मूंग, मक्का, ओल, अदरक, मिर्च की खेती की है। हम लोगों की आय में वृद्धि हुई है। सरकारी एजेंसी की ओर से भूमि संरक्षण द्वारा एक टेक्निकल एक्सपर्ट भी दिया गया है। टेक्निकल एक्सपर्ट की देखरेख में यह सारा खेती का कार्य किया जा रहा है।
एग्रीकल्चर एक्सपर्ट जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि कृषि विभाग और भूमि संरक्षण विभाग द्वारा इन्हें सारा सामान उपलब्ध कराया गया है। अभी के समय में मिश्रित खेती ये लोग कर रहे हैं और अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं।
लातेहार भूमि संरक्षण पदाधिकारी विवेक मिश्रा ने कहा कि यहां आधुनिक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इंटरक्रॉपिंग के माध्यम से यहां ड्रैगन फ्रूट लगाया गया है जो दो साल में फल देने लगेगा। ड्रैगन फ्रूट के बीच में मक्के की खेती की जा रही है, इसका मकसद है कि जो जगह बच गई है, उसका ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जा सके ताकि किसानों को ज्यादा लाभ मिले।
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Source : IANS