पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान का दावा था कि विदेश से गोरे पंजाब में व्यापार के लिए आएंगे। विदेश से गोरे कब आएंगे यह तो पता नहीं, लेकिन अपने सुनहरे भविष्य के लिए विदेश जाने वाले पंजाबियों के शव पंजाब जरूर पहुंच रहे हैं।
दरअसल, कुवैत अग्निकांड में भारत के 45 लोगों की मौत की खबर सामने आई है। मरने वाले 45 लोगों में पंजाब के होशियारपुर के काको गांव के रहने वाले हिम्मत रॉय भी शामिल हैं।
हिम्मत रॉय की मौत की खबर जैसे ही परिवार को मिली, परिवार के लोगों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया है।
हिम्मत रॉय की पत्नी और दामाद ने उनकी मौत पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वह पिछले 25 साल से ज्यादा समय से कुवैत में काम कर रहे थे और परिवार अच्छे से गुजर-बसर कर रहा था।
उन्होंने बताया कि हिम्मत रॉय का एक बेटा और दो बेटियां हैं। बेटा अभी 10वीं कक्षा में पढ़ रहा है और बेटियों की शादी हो चुकी है।
हिम्मत रॉय के दामाद ने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि होशियारपुर के तहसीलदार ने गुरुवार को उन्हें हिम्मत रॉय के शव को भारत आने की जानकारी दी थी। लेकिन, प्रशासन या सरकार की ओर से कोई भी प्रतिनिधि उन तक नहीं पहुंचा। परिवार में हिम्मत रॉय अकेले कमाने वाले थे। उनकी मौत के बाद उनके बेटे अर्शदीप का भविष्य अंधकारमय न हो, इसलिए सरकार को उनका हाथ थामना चाहिए और उनकी आर्थिक मदद करनी चाहिए।
बता दें कि कुवैत में मरने वाले 45 भारतीयों के शव शुक्रवार को केरल पहुंचे। उसके बाद इन शवों को अलग-अलग राज्यों में उनके गंतव्य पर पहुंचाया जा रहा है।
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Source : IANS