पीएम नरेंद्र मोदी ने ध्यान-साधना से वापस लौटकर एक आर्टिकल लिखा। इस आर्टिकल में उन्होंने अगले 25 वर्षों का लक्ष्य लेकर चलने और नए भारत की नींव तैयार करने के साथ ही विकसित भारत बनाने की बात कही है। इसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।
केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ध्यान-साधना और योग से वापस आ गए हैं। वैसे ध्यान, योग, साधना प्रधानमंत्री मोदी के दैनिक जीवन का एक अंग है। इतनी व्यस्तताओं के बाद भी वह इस चीज को महत्व देते हैं।
उन्होंने कहा कि विवेकानंद रॉक मेमोरियल से वापस आने के बाद पीएम मोदी ने 25 साल के आगे की भारत की परिकल्पना की है। हमारा भारत विकसित हो और 2047 तक प्रति व्यक्ति आय भारत का सबसे ज्यादा हो, यह प्रधानमंत्री की इच्छा है। आत्मनिर्भर भारत बनाने की ओर जो उन्होंने कदम उठाया था, उसे काफी सफलता मिल रही है।
नित्यानंद राय ने आगे कहा कि पीएम मोदी एक प्रधानमंत्री और एक राजनेता के रूप में सफल रहे हैं। पूरी दुनिया में उनकी लोकप्रियता है। वो एक भाव से और परिवार के रूप में पूरे देश को देख रहे हैं। हमारे प्रधानमंत्री द्वारा सांस्कृतिक और राष्ट्रीय चेतना का जो जागरण हुआ है, उसके कारण उनके अंदर की आध्यात्मिक शक्ति का प्रकटीकरण हुआ है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी आध्यात्मिक महापुरुष के रूप में स्थापित हुए हैं। जब व्यक्ति में सर्वगुण हो, एक राजनेता का, एक आध्यात्म पुरुष, एक देशभक्त, एक सादा जीवन जीने वाले का, दिन-रात गरीबों को अपना भगवान मानकर सेवा करने वाले व्यक्ति का, ऐसे लोग दूर दृष्टिकोण वाले होते हैं और वह लंबी अवधि की परिकल्पना करते हैं। इस परिकल्पना के आधार पर प्रधानमंत्री मोदी ने विकसित भारत का सपना देखा है।
पीएम मोदी के विजन रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफॉर्म पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि मोदी सरकार तीनों स्तर पर पहले से काम कर रही है। उसी का परिणाम है कि भारत आज विकासशील से विकसित देश की तरफ आगे बढ़ रहा है। वह जो कहते हैं, करते हैं। उन्होंने महान भारत की बुनियाद रख दी है और तत्परता के साथ विकास का काम जारी है।
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Source(IANS)