दिल्ली के बेबी केयर सेंटर में शनिवार को आग लगने और 7 बच्चों की मौत हो जाने पर दुख जताते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि उन्हें अंदेशा है कि नर्सिंग होम के सबसे नीचे वाले तल में सिलेंडरों में ऑक्सीजन की रिफिलिंग का काम चल रहा था, उसी दौरान आग लगी होगी।
उन्होंने कहा, हम इसकी भी जांच कर रहे हैं कि यदि वहां पर इस प्रकार का कोई काम चल रहा था तो क्या अस्पताल प्रशासन के पास उसका लाइसेंस है। यदि नहीं है तो फिर किस आधार पर यह काम अस्पताल में चल रहा था। किसके द्वारा यह काम किया जा रहा था, इसकी जांच की जा रही है।
भारद्वाज ने कहा कि ऑक्सीजन से आग बहुत जल्दी बढ़ती है, इसलिए हर जगह ऑक्सीजन रिफिलिंग का काम नहीं किया जा सकता, इसके कुछ प्रावधान होते हैं, इसके लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है। एक नियम है कि 9 मीटर से कम ऊंचाई वाले अस्पताल को फायर एनओसी की जरूरत नहीं होती है। यही कारण है कि इस अस्पताल ने भी फायर एनओसी नहीं ली थी। इस घटना को देखते हुए हमने निर्देश दिए हैं कि सभी अस्पताल चाहे वह एक मंजिला हो या दो मंजिला, सभी को आग से निपटने के सभी सुरक्षा इंतजाम अपने अस्पतालों में रखने होंगे।
उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी अस्पतालों में वाटर स्प्रिंकलर सिस्टम और ऑटोमेटिक स्मोक डिटेक्टर लगाए जाएं, ताकि इस प्रकार की किसी भी घटना का अंदेशा होने पर तुरंत वॉटर स्प्रिंकलर सिस्टम द्वारा आग को बुझाया जा सके। 8 मई, 2024 को स्वास्थ्य विभाग की ओर से दिल्ली के सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को एक बार फिर से फायर ऑडिट करने के निर्देश दिए गए थे। सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की बैठक में निर्देश जारी किए हैं कि सभी सरकारी और प्राइवेट अस्पताल 8 जून तक अपने-अपने अस्पतालों की फायर ऑडिट की कंप्लायंस रिपोर्ट जमा कराएं, जिससे सुनिश्चित हो जाए कि सभी अस्पतालों में आगजनी की घटनाओं से निपटने के इंतजामों की पुख्ता जांच हो गई है।
उन्होंने कहा कि इन सब तैयारी के साथ-साथ हमने अस्पतालों को अपने इलेक्ट्रिकल सिस्टम की जांच करने के भी आदेश दिए हैं, क्योंकि गर्मियों के मौसम में अक्सर शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने की घटनाएं देखी जाती हैं। सभी प्राइवेट अस्पतालों और नर्सिंग होम में रैंडम इंस्पेक्शन करने और उन अस्पतालों में आगजनी की दुर्घटनाओं और अन्य दुर्घटनाओं से निपटने के पर्याप्त इंतजाम की जांच करने को कहा गया है।
उन्होंने बताया कि इस दुर्घटना के समय अस्पताल में मौजूद दो नर्सों ने और वहीं के पांच स्थानीय नागरिकों ने इन बच्चों की जान बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा दी। हम इन सभी लोगों का नाम वीरता पुरस्कार के लिए प्रस्तावित करेंगे और सरकार से अनुरोध करेंगे कि इन सभी लोगों को इनके साहस के लिए वीरता पुरस्कार दिया जाए। हमने राजस्व विभाग से भी पीड़ित लोगों को मुआवजा देेने की सिफारिश की है।
दिल्ली में बढ़ती गर्मी को देखते हुए उन्होंने बताया कि सभी अस्पतालों को एक एडवाइजरी पहले ही जारी की गई थी, उसी के साथ-साथ एक नई एडवाइजरी सभी अस्पतालों को जारी की जा रही है। बढ़ती गर्मी को देखते हुए दिल्ली सरकार के सभी 26 अस्पतालों में दो-दो बेड और लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में पांच बेड हीट वेव से पीड़ित मरीजों के लिए आरक्षित किए गए हैं।
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Source : IANS