चार साल पहले अफ्रीकी मूल के अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड को एक श्वेत पुलिस अधिकारी ने घुटने से दबाकर मार डाला था।
पिछले चार वर्षों में अमेरिका को झकझोर देने वाले फ्लॉयड मामले ने अमेरिका को हिंसक कानून प्रवर्तन और प्रणालीगत नस्लीय भेदभाव की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का सामना करने के लिए मजबूर नहीं किया है।
अमेरिका ने पर्याप्त परिवर्तन नहीं किए हैं, और अमेरिकी पुलिस प्रणाली में हिंसक कानून प्रवर्तन अभी भी व्यापक रूप से मौजूद है। 25 मई, 2020 को, एक अफ्रीकी मूल के अमेरिकी व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मृत्यु हो गई, जब एक श्वेत पुलिस अधिकारी 9 मिनट से अधिक समय तक उसकी गर्दन पर घुटना दबाता रहा।
इसके बाद, अफ्रीकी मूल के अमेरिकियों के साथ लंबे समय से चले आ रहे अनुचित व्यवहार के विरोध में अमेरिका में कई स्थानों पर विरोध प्रदर्शन किए गए। नस्लीय समानता और पुलिस सुधार की मांगें दिन-ब-दिन बढ़ रही हैं। लेकिन, फ्लॉयड मामले ने इस तरह की घटनाओं को नहीं रोका।
अमेरिकी पुलिस द्वारा हिंसक कानून प्रवर्तन के कारण बड़ी संख्या में अफ्रीकी मूल के अमेरिकियों की मौत जारी है। अमेरिका में नस्लीय समानता की प्राप्ति और पुलिस प्रणाली सुधारों के कार्यान्वयन की मांगें अभी भी समय-समय पर सुनी जाती हैं।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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Source : IANS