प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को तीसरी बार वाराणसी संसदीय सीट से अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके चार प्रस्तावक भी मौजूद रहे। नामांकन दाखिल करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी मां हीराबा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नरेंद्र मोदी डॉट इन हैंडल से एक वीडियो शेयर किया गया है, जिसमें पीएम मोदी और उनकी मां हीराबा से जुड़ी कुछ पुरानी यादों को दिखाया गया है।
पीएम मोदी हर चुनाव में अपना नामांकन दाखिल करने से पहले मां हीराबा का आशीर्वाद लेते थे। लेकिन, 30 दिसंबर 2023 को हीराबा का देहांत हो गया। ऐसे में इस बार पीएम मोदी नामांकन भरने से पहले मां हीराबा की कमी महसूस कर रहे हैं। यह वीडियो इस बात को प्रमाणित करता है।
वीडियो में पीएम मोदी का मां हीराबा से करीबी रिश्ते के बारे में बताया गया है। इसमें पीएम मोदी के फेसबुक टाउनहॉल में दिए इंटरव्यू का हिस्सा भी नजर आ रहा है, जब वह अपनी मां की पुरानी बातों को याद कर भावुक हो जाते हैं। पीएम मोदी ने इस इंटरव्यू में बताया था कि उनके पिता का देहांत हो गया था। मां हीराबा 90 साल से ज्यादा उम्र की हैं और वह अपने सारे काम खुद करती हैं।
वीडियो में सुना जा सकता है, आप और मैं एक आशीर्वाद के एक डोर से बंधे हैं। जैसे विशाल अंतरिक्ष में यात्री को एक डोर अपने अंतरिक्ष यान से बांधकर रखती है। उसे खोने नहीं देती है, वैसी ही डोर मेरे लिए आपका आशीर्वाद है। आपके आशीष के समान ही आपके संस्कारों की विशाल छत्रछाया मेरे सिर पर हमेशा ही रही। कभी मेरी रक्षक, तो कभी मार्गदर्शक बनकर।
इस वीडियो में पीएम मोदी की मां हीराबा उनसे जुड़े पुराने किस्सों के बारे में भी बता रही हैं। मां हीराबा ने बताया था कि जब नरेंद्र मोदी पांच साल के थे, जब गिल्ली डंडा खेल रहे थे, मैं सामने बैठी थी। तो, मैंने उसे बुलाया, मैंने कहा तुम्हें अपने जीवन में देश सेवा करना है।
वीडियो में आगे आवाज आती है, आपने ही मुझे देश सेवा करना सिखाया। हमारे पास धन नहीं था। लेकिन, आप मन से हर सुबह पीड़ितों की सेवा करती थीं। उन्हें खाना खिलाती थीं और उनका उपचार करती थीं। आपने ही मुझे गरीब माताओं और बहनों की सेवा करने की सीख दी।
इसके अलावा वीडियो में दिखाया गया है कि जब उनकी मां हीराबा को पता चला कि नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री बन गए हैं तो वह भावुक हो गईं थीं। हीराबा नरेंद्र मोदी से बस इतना ही कह पाईं, बेटा, तुम क्या काम करते हो, मुझे पता नहीं। लेकिन, जीवन में रिश्वत कभी मत लेना। यह बात अक्टूबर 2001 की है, जब नरेंद्र मोदी पहली बार गुजरात के सीएम बने थे।
इसमें आगे बताया गया कि पीएम मोदी ने अपने 10 साल के कार्यकाल में करप्शन को रोकने के लिए, डिजिटाइजेशन को बढ़ावा देने और सरकार के खाते से निकला एक-एक रुपया गरीब के खाते तक पहुंचाने का शत-प्रतिशत प्रयास किया है।
आखिर में सुना जा सकता है कि आज आप हमारे बीच नहीं रहीं, फिर भी आपके दिए संस्कार मेरे मन और मस्तिष्क पर आपके दो हाथों की तरह फैले हैं, जो मुझे शक्ति-शिक्षा देते हैं।
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Source : IANS