उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में चारों तरफ जल रहे जंगलों की आग को गंभीरता से लेते हुए बुधवार को देहरादून सचिवालय में हाईलेवल मीटिंग की। उन्होंने मुख्य सचिव सहित तमाम अधिकारियों को जल्द से जल्द प्रदेश में बढ़ रही वनाग्नि को काबू में करने के निर्देश दिए।
उन्होंने लापरवाही बरतने वाले वन विभाग के 17 अधिकारियों, कार्मिकों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि वन विभाग एवं स्थानीय लोगों के सहयोग से काफी हद तक वनाग्नि पर काबू पाया जा चुका है। जल्द ही हम जंगल की आग को पूरी तरह बुझाने में कामयाब होंगे। जंगल की आग को कम करने के उद्देश्य से पिरूल को एकत्रित करने के लिए पिरूल लाओ-पैसे पाओ मिशन को शुरू करने हेतु अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री धामी रुद्रप्रयाग पहुंचे। जहां उन्होंने खुद जंगल में बिखरी पिरूल की पत्तियों को एकत्र करते हुए जन-जन को इस अभियान के साथ जुड़ने का संदेश दिया।
सीएम ने कहा कि मेरा प्रदेश की समस्त जनता से अनुरोध है कि आप भी अपने आसपास के जंगलों को बचाने के लिए युवक मंगल दल, महिला मंगल दल और स्वयं सहायता समूहों के साथ मिलकर बड़े स्तर पर इसे अभियान के रूप में संचालित करने का प्रयास करें।
बता दें कि पिरूल की सूखी पत्तियां वनाग्नि का सबसे बड़ा कारण होती हैं। जंगलों में आग के एक प्रमुख कारण पिरूल को एक स्वरोजगार का साधन बनाने के लिए सरकार योजना शुरू कर रही है। इसमें 50 रुपए किलो की दर से पिरूल खरीद की जाएगी। इस मिशन का संचालन पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा किया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ रुपए का फंड रखा जाएगा।
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Source : IANS