उत्तराखंड में चारधाम यात्रा की शुरुआत 10 मई से होने जा रही है। 10 मई को अक्षय तृतीया पर सबसे पहले केदारनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। उसके बाद गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
12 मई को बाबा बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलेंगे। उससे पहले सोमवार को टिहरी राजदरबार नरेंद्र नगर में पांच दशक पहले समाप्त हुई रावल पट्टाभिषेक की ऐतिहासिक परंपरा को फिर से जीवंत किया गया, जिसमें टिहरी राजदरबार नरेंद्र नगर में पूजा-अर्चना और विधि-विधान से महाराजा टिहरी मनुजयेंद्र शाह ने श्री बद्रीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी का पट्टाभिषेक किया और उन्हें सोने का कड़ा पहनाया। ये सोने का कड़ा राजशाही की परंपरा और प्रतीक है।
इससे पहले ये पट्टाभिषेक की परंपरा 1977 में हुई थी। उस समय बद्रीनाथ धाम के रावल टी केशवन नंबूदरी का पट्टाभिषेक किया गया था। अब पांच दशक के बाद श्री बद्रीनाथ धाम के रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी का पट्टाभिषेक किया गया और उन्हें सोने का कड़ा पहनाया गया।
पांच दशक के बाद इस परंपरा की शुरुआत श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने की। सोमवार को राज दरबार में पूजा-अर्चना के बाद रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी को महाराजा मनुजयेंद्र शाह द्वारा बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय और उपाध्यक्ष किशोर पंवार की उपस्थिति में अंग वस्त्र भेंट कर सोने का कड़ा पहनाया गया।
बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डॉ. हरीश गौड़ ने बताया कि रावल की नियुक्ति मंदिर समिति एक्ट 1939 से पहले महाराजा टिहरी द्वारा होती थी। यह पट्टाभिषेक एवं सोने का कड़ा उसी परंपरा का एक ऐतिहासिक एवं सास्कृतिक प्रतीक चिह्न है।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS